रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि सहकारिता क्षेत्र में प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदलने की ताकत है। सहकारिता के माध्यम से कुटीर और छोटे-छोटे व्यवसाय प्रारंभ करके लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री शनिवार को इंडोर स्टेडियम में हुए नव-निर्वाचित सहकारी पदाधिकारियों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सह सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।सीएम ने सहकारिता ध्वज फहराकर सम्मेलन का शुभारंभ किया।डॉ. सिंह ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन में सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में नवनिर्वाचित सहकारी पदाधिकारियों के लिए संभागीय मुख्यालयों के स्तर पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से सहकारी प्रतिनिधियों को धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद, बीज वितरण के अलावा अन्य छोटे-छोटे व्यवसायों के क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में अध्ययनरत लगभग 52 लाख बच्चों को गणवेश वितरित किए जाते हैं। यदि सहकारिता के माध्यम से गणवेशों के लिए कपड़े की बुनाई, सिलाई और वितरण का संगठित और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाए तो इसके माध्यम से हजारों बुनकरों और महिला समूहों को रोजगार मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर में 15-16 समितियां काजू प्रसंस्करण के क्षेत्र में आगे आयी हैं। इसी तरह 50 समूह कड़कनाथ मुर्गे पोल्ट्री में तैयार कर उनका विपणन करते हैं। ऐसे समूहों को सहकारिता के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मत्स्य उत्पादन में छत्तीसगढ़ आज देश में पांचवे स्थान पर है। मत्स्य पालन सहित दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भी सहकारिता के माध्यम से काफी काम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश में दो चरणों में 95 प्राथमिक सहकारी समितियों को रसोई गैस वितरण की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसके लिए समितियों को बैंकों से कर्ज, गोदाम बनाने के लिए 15 लाख रूपए की सहायता भी दी जा रही है।