रायपुर।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने राज्य की स्वास्थ्य नीति बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘छत्तीसगढ़ हेल्थ केयर समिट’ का शुभारंभ किया। चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिन्दूस्तान बहुत बड़ा देश है। यहां की भौगोलिक स्थिति, परम्परा, संस्कृति भिन्न-भिन्न है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के भागोलिक स्थिति, परम्परा और संस्कृति पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में क्षे़त्रीयता के आधार पर अलग-अलग बीमारियों का प्रभाव देखने को मिला है। अतः स्वास्थ नीति बनाते समय इस पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।
चन्द्राकर ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आधारभूत संरचानाओं को मजबूत किया जा रहा है। चिकित्सा दलों को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत यूनिवर्सल स्वास्थ्य बीमा देने वाला देश का पहला राज्य है। योजना के तहत प्रदेश के लगभग 58.66 लाख परिवारों को 50 हजार रूपए तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि समाज के निचले तबके के व्यक्ति तक स्वास्थ्य पहुंचें इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानीनों से सहयोग लिया जा रहा है। मितानीनों के कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर केन्द्र सरकार इस कार्य पद्धति को आशा के नाम से पूरे देश में संचालित कर रही है।
चन्द्राकर ने कहा कि यदि हम स्वास्थ्य सुविधाओं में निजी क्षेत्र की बात करे तो इसका आगमन ज्यादातर शहरों में ही है उसके बावजूद भी राज्य में संस्थागत प्रसव , मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर की सूंचकांक का अवलोकन करे तो शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र आगे हैं। यह राज्य सरकार की स्वास्थ्य नीति का ही परिणाम है। उन्होंने स्वास्थ्य नीति में नवाचार को स्थान देने पर जोर दिया।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने हेल्थ केयर समिट में कार्यक्रम की रूप रेखा और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री साहू ने प्रदेश में स्वास्थगत ढांचें और विगत 17 वर्षों की उपलब्धियों, कार्यप्रणाली और लोगों को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में स्वास्थ्य पॉलिसी के लिए रणनीति तैयार करना है। राज्य में स्वास्थ्य समस्या मलेरिया, मातृ शिशु मृत्युदर में कमी करने, कुष्ठ रोग उन्मूलन, टीकाकरण, सिकलिन, फाइलेरिया, टीबी, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य नीति बनाई जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से श्रीलंका से चिकित्सक दल आमंत्रित हैं।