OTP Fraud: साइबर ठगों के निशाने पर निवेशक, एक OTP की एंट्री ने उड़ा दिए 3.58 करोड़ के शेयर

Shri Mi
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साइबर ठगों (Cyber Criminals) के हौसले हर दिन बुलंद होते जा रहे हैं. ओटीपी फ्रॉड (OTP Fraud) का दायरा इतना बढ़ गया है कि शेयर ट्रेडिंग कंपनियां (Trading Firm) तक नहीं बच पा रही हैं. निवेशकों को अब कहीं भी निवेश से पहले अलर्ट होने की जरूरत है. मुंबई क्राइम ब्रांच ने ऐसे साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है जो ओटीपी के जरिए करोड़ों का हेरफेर कर देते थे.क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की साइबर विंग ने मंगलवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया है जो लोग शेयर ट्रेडिंग कंपनी से डेटा चुराने का काम करते थे. गिरफ्तार आरोपियों में से 3 आरोपी शेयर ट्रेडिंग कंपनी के पूर्व कर्मचारी है. साइबर ठगों ने पहले शेयर ट्रेडिंग कंपनी से डेटा चुराया और उसमें से 3 लोगों के शेयरों की सौदेबाजी कर ली. इन शेयरों को ठगों ने 3.58 करोड़ रुपये में बेच दिया.

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कैसे हो गई करोड़ों की ठगी?
कंपनी खुद हेरफेर के बाद हरकत में आ गई. 23 जून को मामले में पुलिस ने एक FIR दर्ज की. कंपनी के मुताबिक यह धांधली 25 मई से 8 जून के बीच हुई है. आरोपियों पहले ग्राहक का डेटा चुरा लिया और उनके तीन ग्राहकों को फोन किया. कॉल करते समय उन्होंने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ग्राहकों को धोखा दिया था. एक ओटीपी के जरिए इतनी बड़ी रकम गायब हो गई. आरोपियों ने खुद को स्टॉक ब्रोकर फर्म का कर्मचारी बताया था, जिसके जरिए उन्होंने ग्राहकों के डीमैट खातों की डीटेल्स मांग ली थी. जरा सी असावधानी की वजह से लोगों ने इतनी बड़ी रकम गंवा दी.

कैसे रहें साइबर लुटेरों से सावधान?
OTP फ्रॉड से बचने के लिए हमेशा अलर्ट रहें. कोई भी कंपनी आपसे पर्सनल डीटेल्स, ओटीपी नहीं मांगती है. अगर कंपनी के अधिकारी खुद को आपका ब्रोकर बताते हुए डीटेल्स मांगे तो भी भूलकर भी न शेयर करें. डीमैट अकाउंट का एक्सेस किसी को भी न दें. गोपनीय जानकारियां किसी के साथ शेयर न करें. आपकी जागरूकता आपको मुसीबत से बचा सकती है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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