गहलोत अध्यक्ष बने तो छोड़नी पड़ेगी CM की कुर्सी, दिग्विजय सिंह ने उदयपुर संकल्प का दिलाया याद

Shri Mi
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दिल्ली/जयपुर।कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर दिल्ली में सरगर्मिया तेज हो चली हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है. इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की और दो घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा की. दिल्ली आने से पहले जयपुर में अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में सीएम रहते हुए अध्यक्ष बनने का संकेत दिया था, लेकिन उनकी इच्छा पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं.   

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि गहलोत पार्टी के अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा, क्योंकि उदयपुर अधिवेशन में एक व्यक्ति एक पद का रिजोल्युशन पास हुआ था. ऐसे में वह दोनों पदों पर कैसे रह सकते हैं. बता दें कि दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का मूड बना रहे हैं. अशोक गहलोत के संकेत पर पार्टी में ही सवाल उठने लगे हैं. ऐसे में गहलोत के लिए ये सियासी डगर आसान नहीं होगी. 

एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले पर जब मुख्यमंत्री गहलोत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा तो ये है कि मैं किसी पद पर न रहूं, क्योंकि मैं बहुत पद पर रह चुका हूं. मेरी उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए, कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए, मैं यह चाहता हूं. पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है’. अगर पार्टी के लोग चाहते हैं कि मैं अध्यक्ष पद या सीएम पद पर रहूं तो मैं मना नहीं कर सकता.  एक पद, एक व्यक्ति का नियम केवल नॉमिनेटेड (मनोनित) पोस्ट के लिए है, चुनाव लड़कर कोई भी दो पोस्ट पर रह सकता है.’

गौरतलब है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार कर चुके हैं, लेकिन गहलोत राहुल गांधी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि वह राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर नामांकन के लिए आखिरी बार मनाएंगे. गहलोत गुरुवार को राहुल गांधी से मिलने कोच्चि भी जाएंगे. गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए तैयार करूंगा अगर वह मान जाते हैं तो अच्छा होगा नहीं तो पार्टी जो जिम्मेदारी सौंपेगी वह पूरा करूंगा. 

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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