मुख्यमंत्री का ऐलान…नए जिलों के गठन पर बनेगी कमेटी

Shri Mi
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जयपुर।राजस्थान (Rajasthan) की 15वीं विधानसभा के सातवें सत्र के 10वें दिन गुरुवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही और विधायी कार्यों के बाद शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने विधानसभा में बजट बहस (budget debate) पर जवाब देने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि हमनें बजट की 500 घोषणा ओं में से 60 पर सरकारी स्वीकृतियां भी जारी कर दी हैं. वहीं राज्य में लंबे समय से उठ रही नए जिले बनाने की मांग (new districts demand) पर मुख्यमंत्री ने विचार करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का ऐलान किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को राज्य विधानसभा में यह घोषणा (cm gehlot reply on budget) की. उन्होंने कहा कि मुझे माननीय सदस्यों, जनप्रतिनिधियों व जन सामान्य से समय-समय पर नए जिले बनाने के संबंध में ज्ञापन मिलते रहते हैं ऐसे में आवश्यकता का आंकलन कर नए जिलों के लिए 6 महीने में अनुंशसा देने हेतु एक उच्चस्तरीय समिति के गठन का प्रस्ताव करता हूं.

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बता दें कि राज्य में वर्तमान में 33 जिले हैं और कई इलाकों में नए जिले बनाने की मांग काफी समय से उठ रही है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था सभी पैमानों पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इसे 15 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाया जाएगा. गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने अपनी 85 प्रतिशत से अधिक बजट घोषणाएं व जन घोषणा पत्र के 71 प्रतिशत से अधिक वादे पूरे किए हैं.

वहीं नेता प्रतिपक्ष के बजट घोषणाओं के पूरा होने के सवाल पर सीएम ने कहा कि जब हम चुनाव घोषणा पत्र की 70 फीसदी घोषणाएं 3 साल में पूरी कर सकते हैं तो बजट घोषणाओं को पूरा नहीं करेंगे क्या?

राजस्थान में बनाएंगे 15 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था : गहलोत

गहलोत ने कहा कि राज्य में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2018-19 में 9,11,634 करोड़ रुपये व 2021-22 में 11,96,137 करोड़ रुपए रहा जबकि 2022-23 में यह 13,34,310 करोड़ रुपये अनुमानित है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का वादा सिर्फ सपना है लेकिन हम राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य का वित्तीय घाटा 2020-21 में 5.86 प्रतिशत रहा जबकि इसी दौरान केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा 9.2 प्रतिशत रहा. राज्य का राजस्व घाटा 2020-21 में 4.34 प्रतिशत रहा जबकि केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा 7.3 प्रतिशत हुआ.

गहलोत ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय करों का 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए पर 30-33 प्रतिशत ही मिल पाता है और राजस्थान को 2022-23 के बजट में केंद्रीय करों से 18,925 करोड़ रुपये कम मिलेंगे.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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