महंगाई को लेकर फ़ाइनेंस मिनिस्टर का बड़ा बयान

Shri Mi
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नयी दिल्ली-सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीच उथल-पुथल के बीच महंगाई को नियंत्रण में रखा गया है और भविष्य में इसे और नीचे लाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में महंगाई पर लगभग पांच घंटे की चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई कारणों से उथल-पुथल है। कोरोना महामारी और रूस -यूक्रेन के युद्ध का विश्व अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। दुनिया के कई देश महंगाई से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका यह कतई मतलब नहीं है कि भारत में भी महंगाई होनी चाहिए। चुनौतियां और समस्याएं हैं लेकिन सरकार ने अपनी नीतियों और उपायों से महंगाई को नियंत्रण में रखा है। फिलहाल यह सात प्रतिशत है जिससे भविष्य में नीचे लाया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।भारतीय अर्थव्यवस्था के आधार बहुत मजबूत है और यह मौजूदा मौजूदा चुनौतियों और समस्याओं से बेहतर तरीके से निपट सकती है। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी वस्तु पर जीएसटी की दर बढ़ाने का निर्णय जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से लिया जाता है। इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। उन्होंने जीएसटी परिषद की कार्यप्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक स्तर पर जीएसटी दर बढ़ाने के प्रभाव का आकलन किया जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा जीएसटी दर बढ़ाने का निर्णय प्रावधानों का दुरुपयोग को रोकने के लिए लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि इसका उपभोक्ता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और विनिर्माताओं को ही कर चुकाना होगा। ‌

वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी की दरें जीएसटी से पूर्व काल की कर दरों से कम हैं। उन्होंने इसके लिए केरल, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में आवश्यक वस्तुओं पर कर दरों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महंगाई के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का कोई मतलब नहीं है। इसके लिए जनता में सही सूचनाएं पहुंचायी जानी चाहिए। भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों की तुलना पड़ोसी देशों से करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की गुमराह करने वाली सूचनाओं से बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों की चेक बुक पर जीएसटी की दरें नहीं बढ़ाई गई है बल्कि बैंक की से पहले से ही चुका रहे थे।

उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की जीएसटी दरों में बढ़ोतरी करने के मुद्दे पर भ्रम फैलाया जा रहा है। जीएसटी केवल पैकेट बंद पदार्थों पर है। खुले रुप से बिक रही वस्तुओं पर कोई जीएसटी नहीं है। अस्पताल के रूम पर जीएसटी बढ़ाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 5000 रुपए प्रति दिन से अधिक के रूम पर जीएसटी बढ़ाया गया है। इससे कम पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल में बढ़ाई गई जीएसटी दरों का आम व्यक्ति पर आदमी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

श्रीमती सीतारमण ने गरीबों और छोटे उद्योग धंधे को मदद देने वाली सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार लगातार बाजार में वित्त उपलब्ध करा रही है। इसके लिए आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री स्व निधि योजना, उज्जवला, जन औषधि आदि के जरिए वित्तीय मदद दी जा रही है। किसानों को खाद पर सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उर्वरक की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत तेजी है लेकिन किसानों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया गया है।
वित्त मंत्री ने अंतिम संस्कार से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी की दर बढ़ाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल निर्माण सामग्री पर जीएसटी की दर बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है।

उन्होंने आलू -प्याज सहित अन्य सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और मौजूदा सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि सरकार इस संबंध में संवेदनशील है। प्रत्येक 15 दिन के बाद मंत्रियों का उच्च स्तरीय समूह देश में खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता की समीक्षा करता है और इस संबंध में जरूरी कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमत नियंत्रण में है।महंगाई बढ़ने के कारण राज्य राज्यों का राजस्व घटने के दावे को खारिज करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि राज्यों को जीएसटी के हिस्से के रूप में 20 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है, जो पहले से बहुत अधिक है। इससे यह साबित होता है बाजार में मांग नहीं घट रही है और महंगाई नियंत्रण में है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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