जयपुर।इनकम टैक्स चोरी की सूचनाओं पर जयपुर और कोटा में रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, ज्वेलरी, होटल, हॉर्टिकल्चर कारोबारियों के यहां छापेमारी में अब तक 70 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई मिली है। इनमें 4 करोड़ कैश, ज्वेलरी और लेन-देन के डॉक्यूमेंट IT विभाग के हाथ लगे हैं। कई बैंकों में इन कारोबारियों के करीब 24 लॉकर्स भी मिले हैं। जिन्हें अब खुलवाया जाएगा। गुरुवार तक यह आंकड़ा 40 करोड़ का था। बुधवार को शुरू हुई कार्रवाई लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है।
इनकम टैक्स अफसरों को पता चला है कि आशीष ग्रुप का कॉलोनाइजर और रियल एस्टेट का काम है। कोटा और जयपुर में कई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाकर फ्लैट बेचने के कारोबार से जुड़ा है। जमीनों की खरीद और फ्लैट बेचने में गड़बड़ी, कई जगह इंस्वेस्टमेंट,ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के साथ ही पैसा इधर से उधर करने, टैक्स चोरी की जानकारी IT विभाग को लगी है।
लेजर बुक्स और खातों से इनका मिलान कर जांच-पड़ताल की जा रही है। इन कारोबारियों के यहां काम करने वाले मैनेजर, स्टाफ कर्मचारियों से भी पूछताछ चल रही है। सभी के फोन बंद करवाकर रखे गए हैं। जयपुर और कोटा में 37 ठिकानों के अलावा मुंबई और दिल्ली में भी कुछ ठिकानों की जानकारी इनकम टैक्स अफसरों को लगी है, जिस पर एक्सरसाइज शुरू कर दी गई है।
जयपुर के मालवीय नगर में रॉयल इंडिया ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड, मालवीय नगर में बन रहे होटल, हथरोई में होटल आशीष, हथरोई स्कूल के सामने कॉर्पोरेट ऑफिस और एमआई रोड पर शोरूम यूनिक आर्ट्स, रामनिवास बाग के पास एक प्रतिष्ठान पर कार्रवाई चल रही है।
जयपुर में सी-स्कीम, अजमेर रोड, वैशाली नगर, टोंक रोड, जौहरी बाजार, कोटावाला मार्केट, त्रिपोलिया बाजार, क्रॉप्स मार्केट गार्डनिंग और हॉर्टिकल्चर में काम करने वाली कंपनी- सेंट्रल ऑर्चिड्स प्राइवेट लिमिटेड, रेसीडेंस, ऑफिस और शोरूम समेत कई ठिकानों पर इंवेस्टीगेशन किया जा रहा है।
जयपुर के टोंक रोड पर रॉयल पाम, जवाहर सर्किल पर दी पैलेडियम, महावीर नगर टोंक रोड पर रॉयल पाम, वैशाली नगर में नेशनल हैंडलूम के पास सिया होम्स, विद्याधर नगर में सुहाग रेजिडेंस, बापू नगर राजेन्द्र मार्ग पर वेस्टएंड, जगतपुरा के सिद्धार्थ नगर-मनोहरपुरा में पम्पोश, होटल आशीष के पास अकाशिया, मानसरोवर में धनवंतरि हॉस्पिटल के पास सत्यम अपार्टमेंट इसी आशीष ग्रुप की प्रॉपर्टी हैं। इन सब में इंवेस्टमेंट और फ्लैट के खरीद-बेचान से जुड़े डॉक्यूमेंट की जांच-पड़ताल की जा रही है।
इनकम टैक्स विभाग को जानकारी मिली है 36 से ज्यादा रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स पर 8 लाख स्क्वायर फीट में ग्रुप काम कर चुका है। करीब 12 लाख स्क्वॉयर फीट के प्रोजेक्ट्स पर डेवलपमेंट वर्क जारी है। साथ ही अगले 7-8 साल में 50 लाख वर्गफीट के प्रोजेक्ट्स पर ग्रुप काम करने की प्लानिंग रखता है।