सत्रह किमी के चैतवार नाले के नरवा योजना अंतर्गत हुए जीर्णोद्धार से बदल रही पास बसे गाँवों की जिंदगी,जल स्तर बढ़ा तो रबी फसल भी लेने लगे किसान,कलेक्टर डॉ.भुरे ने किया निरीक्षण,ग्रामीणों से की बातचीत

Shri Mi
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दुर्ग-जिले में खेती किसानी के अवसरों को बढ़ाने के लिए नरवा योजना संजीवनी साबित हो रही है। जिन नालों के जीर्णोद्धार के लिए इस योजना के अंतर्गत कार्य हो रहे हैं वहाँ भूमिगत जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दुर्ग ब्लाक के चैतवार नाले के सत्रह किमी के पैच का सघन निरीक्षण किया। यहाँ नरवा योजना अंतर्गत हुए कार्यों को उन्होंने देखा तथा किसानों से बातचीत की। ग्राम चंदखुरी की सरपंच ने बताया कि नरवा योजना से जमीन का पानी काफी ऊपर आ गया है। इस बार हम लोगों ने रबी की फसल ले ली है। हर बार रबी तक पानी काफी नीचे चला जाता था जिससे दूसरी फसल की कोई गुंजाइश नहीं बनती थी। यहाँ नाले के आसपास के किसानों ने जलस्तर में वृद्धि होने का अच्छा लाभ उठाया है और दूसरी फसल ली है। यहाँ पर अधिकारियों ने बताया कि चंदखुरी में डिसेल्टिंग अर्थात गाद निकालने का कार्य किया गया, साथ ही लूज बोल्डर भी डाले गए जिससे पानी के रिचार्ज होने में काफी मदद मिली। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि चैतवार नाला खुरसुल, बोरई, गनियारी और पीपरछेड़ी से गुजरता है। इसकी लंबाई सत्रह किमी है।

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इसमें चंदखुरी में लूज बोल्डर का काम भी हुआ है और डिसेल्टिंग का भी। अन्य गावों में डिसेल्टिंग का कार्य समाप्ति की ओर है। कलेक्टर ने आसपास की जलसंसाधन विभाग की संरचनाएं भी देखीं। उन्होंने कहा कि मामूली मरम्मत से तथा जीर्णोद्धार से यह संरचनाएं ठीक हो सकती हैं। इनके ठीक होने से बड़े क्षेत्र में लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने कहा कि चैतवार नाले में हुए कार्यों से इस साल बड़े पैमाने पर वाटर रिचार्ज होगा और इससे बड़े क्षेत्र में कृषि की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा धान के बदले अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने की योजनाएं भी लाई जा रही हैं। अब नरवा के माध्यम से वाटर रिचार्ज हो रहा है अतएव ऐसे इलाकों में वैविध्य की बेहतर संभावनाएँ बनेंगी। इस दौरान दुर्ग सीईओ श्री राजपूत एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।अपर कलेक्टर ने देखा लुमती नाला- अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा चौधरी ने भी आज धमधा ब्लाक में नरवा योजना अंतर्गत हो रहे कार्य देखे।

लुमती नाले में डिसेल्टिंग का कार्य उन्होंने पोटिया में देखा। यहाँ किसानों ने बताया कि लुमती नाले के गहरीकरण के चलते भूमिगत जल का स्तर काफी बढ़ गया और हर बार बोर सूख जाते थे लेकिन इस बार बोर नहीं सूखे और रबी फसल के लिए अच्छा पानी मिला जिससे किसान सब्जी भाजी भी उगाने लगे हैं। इस दौरान एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय एवं सीईओ श्री मेश्राम मौजूद थे। नरवा योजना इसलिए है काफी प्रभावी -नरवा योजना भूमिगत जल का स्तर बढ़ाती है। इसमें कई तरह से लाभ हैं। इसका खर्च काफी सीमित है क्योंकि डिसेल्टिंग जैसे कार्य हैं जो मनरेगा जैसी योजनाओं से हो सकते हैं। ऐसी किसी तरह की संरचनाएं नहीं बनानी हैं जो ज्यादा जगह घेरती हैं और जिन्हें बनाने में काफी लागत आती है। यह न्यूनतम निवेश में अधिकतम लाभ की गारंटी जैसी योजना है क्योंकि भूमिगत जलस्तर बढ़ने से किसानों के बोरवेल पर्याप्त प्रभावी हो जाते हैं और इन्हें गर्म मौसमों में भी संजीवनी मिल जाती है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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