(गिरिजेय)बिलासपुर हवाई अड्डे को दिल्ली सहित कोलकाता ,मुंबई, बैंगलोर,हैदराबाद जैसे शहरों से सीधे जोड़ा जा सकता है…। यहां से हवाई यात्रा करने वाले पर्याप्त यात्री मिल सकते हैं…। यह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ( AII) की एक ट्वीट से साफ़ हो गया है और अब एआईआई को जल्द इसका फैसला करना चाहिए। एआईआई ने माना है कि बिलासपुर के बिलासा देवी केंवट हवाई अड्डे से नवंबर के महीने में सौ उड़ाने हुईं। जिनमें 3,775 यात्रियों ने सफ़र किया ।
बिलासपुर से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई जैसे महानगरों तक हवाई सेवा शुरू करने की मांग काफ़ी पहले से की जा रही है। साथ ही बिलासपुर हवाई अड्डे मे नाइट लैंडिंग सहित दूसरी ज़रूरी सुविधाएं मुहैय्या कराने की भी मांग की जा रही है। अब समय आ गया है कि यह मांग दल्द से जल्द पूरी कर दी जाए।
एय़रपोर्ट अथारिटी ऑफ़ इंडिया की ओर से एक ट्वीट किया गया है । जिसमें कहा गया है कि “ भारत के #छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित #बिलासपुर, राज्य की कानून राजधानी के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह शहर बिलासपुर जिले का वर्तमान में प्रशासनिक मुख्यालय भी है। #भाविप्रा के #बिलासपुर हवाई अड्डे ने नवंबर ’22 में 100 विमानों का परिचालन और 3,775 यात्रियों का आवागमन दर्ज किया। ”
इस ट्वीट के हिसाब से एआईआई ने यह मान लिया है कि बिलासपुर हवाई अड्डे से उड़ानों में पर्याप्त यात्री मिल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और हवाई सेवा संघर्ष समिति से जुड़े सुदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि बिलासपुर हवाई अड्डे में टैक्सी और दूसरी सुविधाओं की भारी कमी है। इसके बावजूद अगर पर्याप्त यात्री मिल रहे हैं, इसका मतलब है कि महानगरों को हवाई सेवा के ज़रिए बिलासपुर को जोड़ने की हमारी मांग ज़ायज़ है। AAI ने भी माना है कि नवंबर महीने में 100 उड़ानों में 3,775 यात्रियों ने सफ़र किया ।
इसका मतलब़ एक उड़ान में औसत 38 यात्रियों ने सफ़र किया है। हालांकि बिलासपुर – इंदौर के बीच सीधी उड़ान है। लेकिन दिल्ली से जबलपुर- इलाहाब़ाद होकर चलने वाली फ़्लाइट में 36 सीट ही बिलासपुर के यात्रियों के हिस्से में आती है। इस आंकड़े के हिसाब से बिलासपुर से पर्याप्त यात्री मिल रहे हैं।
हवाई सेवा संघर्ष समिति पिछले काफ़ी समय से आँदोलनरत है। समिति को शुरू से ही इस बात पर फ़ोकस रहा है कि उत्तर छत्तीसगढ़ का प्रमुख केन्द्र बिलासपुर है।बिलासपुर सहित रायगढ़, सरगुजा,कोरबा,जांजगीर इलाके के लोग बड़ी संख्या में हवाई सफ़र करते हैं। बिलासपुर हवाई अड्डे को महानगरों से सीधे जोड़ने पर लोगों को सुविधा मिल सकेगी । फ़िलहाल हवाई सुविधा पर्याप्त नहीं है और नियमितता भी नहीं है।
इसके बावज़ूद अगर लोग बिलासपुर हवाई अड्डे से पर्याप्त संख्या में उड़ान भर रहे हैं, इसका मतलब एआईआई को समझना चाहिए। संघर्ष समिति ने दूसरी सुविधाओं के साथ ही नाइट लैंडिग पर भी ज़ोर दिया है। इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए समिति के लोगों ने हाल ही में लालटेन लेकर प्रदर्शन किया । उनका कहना है कि अगर समय पर टेंडर ज़ारी नहीं हुए तो पीडब्ल्यूडी दफ़्तर के सामने धरना दिया जाएगा।
गौर करने वाली बात यह भी है कि अब़ तक यह सवाल भी उठाया जाता रहा है कि हवाई सेवा शुरू होने पर बिलासपुर से कितने यात्री मिलेंगे ? लेकिन ताजा आँकड़े सामने आने से अब कोई संशय नहीं रह गया है। अब यह उम्मीद स्वाभाविक है कि एआईआई जल्द ही इस बारे में फैसला करे। वैसे बिलासपुर की मांगों के साथ यह बात पहले भी जुड़ी रही है कि यहां के लोग किसी भी अथॉरिटी को यह समझाने की कोशिश करते रहे हैं कि नई सुविधा सभी के लिए फ़ायदेमंद होगी ।
लेकिन अथारिटी को समझने में समय लगता है। रेल्वे भी इसका उदाहरण है। इस इलाक़े के लोग बरसों से यह चिल्लाते रहे कि रेल्वे ज़ोन का हेडक्वार्टर बिलासपुर मे बनाना क्यों उपयुक्त होगा ? लेकिन इस महकमें को भी समझ में आया , जब लम्बे संघर्ष के बिलासपुर रेल्वे ज़ोन बना और हमेशा भारतीय रेल्वे के नक्शे में अव्वल रहता है। ऐसे कई उदाहरण हैं। अब हवाई सेवा को लेकर भी एक उदाहरण सामने आ गया है। इसका सकारात्मक असर होगा , ऐसी उम्मीद की जा सकती है।