नईदिल्ली।NGT ने पर्यावरण की दृष्टि से बेहद सवेदनशील पवित्र अमरनाथ गुफा को सुरक्षित रखने के लिए इसे साइलेंस ज़ोन घोषित कर दिया है।इसके चलते प्रवेश द्वार के अंदर जयकारे या मंत्रोउच्चारण नहीं हो पायेगा और पवित्र गुफा के अंदर घण्टी नहीं बज सकेगी।इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने श्राइन बोर्ड को वो सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा है जिससे तीर्थ यात्रियों को आराम से, पवित्र शिवलिंग के दर्शन हो सके।NGT के मुताबिक अमरनाथ गुफा को साइलेंस जोन घोषित करने से हिमस्खलन को रोका जा सकेगा और इस पवित्र स्थान को मौलकता को कायम रखे जा सकेगा।ट्रिब्यूनल ने कहा पवित्र गुफा की ओर जाने वाली सीढियों से जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कुछ भी सामान ले जाने की अनुमति नही होगी और प्रवेश द्वार पर हर किसी की सही तरीके से जांच होनी चाहिए।
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याचिकाकर्ता के वकील आदित्य सिंघला के मुताबिक एनजीटी का ये आदेश पवित्र गुफा को सुरक्षित रखने के लिए है। जब एक साथ सैंकड़ों लोग घंटिया बजाते है या फिर जयकारे लगाते है तो वहां के पर्यावरण को नुकसान होता है।इसके साथ ही एनजीटी ने सबसे आखिरी चेक पॉइंट से अंदर मोबाइल ले जाने पर भी पाबन्दी लगा दी है। ट्रिब्यूनल ने श्राइन बोर्ड को निर्देश दिया है कि ऐसी जगह बनाए जहाँ पर तीर्थ यात्री अपने सामान रख सके।
ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण मंत्रालय को आदेश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर एक्शन प्लान सौंपे। इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।