NMDC ने कहा जुर्माना अनुचित, तथ्यों की अनदेखी की गई, कलेक्टर ने लगाया था जुर्माना
दंतेवाड़ा।खनिज शाखा ,जिला दक्षिण बस्तर के आदेश के मुताबिक किरंदुल तहसील बड़े बचेली जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में डिपॉजिट नंबर 14 ,एन एल डिपॉजिट नंबर 14 एन एम जेड क्षेत्र में मुख्य खनिज लोह अयस्क का खनिज पत्ता स्वीकृत है। यहाँ खनन और परिवहन में गड़बड़ी पाई गई है।
12 अगस्त 2024 को एनएमडीसी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था । कलेक्टर के मुताबिक स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। एनएमडीसी को खनिज उत्खनन परिवहन तथा भंडार नियम 2009 के नियम (4) (1) (चार) का उल्लंघन करने का दोषी पाया।
उसके बाद छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 के नियम (5) के अनुसार खान एवं खनिज (विकास एवम विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 (5) के तहत खनिज के बाजार मूल्य और रॉयल्टी कुल अर्थ दंड की राशि 1 हजार छः सौ बीस करोड़ 49 लाख 52 हजार 482 आरोपित किया है । उक्त अर्थ दंड की राशि जमा करने के लिए 15 दिवस का समय दिया गया है।
किरंदुल एनएमडीसी लिमिटेड पर दंतेवाड़ा कलेक्टर ने अब तक सबसे बड़ा जुर्माना लगाया है। खनिज नियमों के उल्लंघन का दोषी बताते हुए कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने एनएमडीसी पर 1620 करोड रुपए का अर्थ दंड लगाया है।
यह राशि एनएमडीसी को 15 दिवस के भीतर जमा करनी होगी। वही एनएमडीसी ने कहा है कि हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे।
कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद एनएमडीसी ने अपना पक्ष रखा है । उन्होंने कहा कि जुर्माना अनुचित है। रेलवे ट्रांजिट पास के बिना लोह अयस्क के कथित परिवहन और इस प्रकार विभिन्न खनन कानून के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 1620 करोड रुपए का जुर्माना और मुआवजा लगाने का प्रस्ताव दिया है।
वर्तमान मामले में तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किए बिना केवल और बिना देखे जुर्माना और मुआवजे की मांग के लिए लागू नोटिस के माध्यम से मुआवजा और जुर्माना लगाना पूरी तरह से अनुचित है। ऑनलाइन पोर्टल और अग्रिम रॉयल्टी के भुगतान के बाद ई परमिट नंबर जनरेट किए जा रहे हैं।
बीआईओएम किरंदुल परिसर ने रेलवे ट्रांजिट पास के बिना लोह अयस्क के कथित परिवहन के लिए छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियम 2009 का कोई उल्लंघन नहीं किया है.
एनएमडीसी ने कहा कि तकनीकी रूप से लोह अयस्क ग्रेड को अंतिम रूप देने में समय लगता है। जिसमें रेलवे ट्रांजिट पास के निर्माण में दो-तीन दिनों की देरी होती है हालांकि इससे राज्य के खजाने में कोई नुकसान नहीं होता।
राज्य सरकार रॉयल्टी मूल्यांकन के समय हर 6 महीने में अभिलेखों का सत्यापन करती है और राज्य सरकार द्वारा अब तक एक भी आपत्ति नहीं उठाई गई है । जिससे जानकारी मिलती है कि बीआईओएम किरंदुल कंपलेक्स द्वारा कोई उल्लंघन नहीं किया गया है ।
चूंकिएनएमडीसी अग्रिम रॉयल्टी भुगतान कर रहा है इसलिए बीआईओएम किरंदुल परिसर ने रेलवे ट्रांजिट पास के बिना लोह अयस्क के कथित परिवहन के लिए छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 का उल्लंघन नहीं किया है।