अब नहीं..तो कब करोगे मदद..हमें आज भी याद है पुलिस का डंडा,जेल का दर्द..विजय ने कहा…श्रेय की होड़ से बाहर निकलें भाजपा नेता..रेलवे कोविड कोच के लिए केन्द्र सरकार पर बनाना होगा दबाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— रेलवे कोविड कोच का मामला अब धीरे धीरे राजनैतिक बनता जा रहा है। जहां एक तरफ दक्षिण पूर्व  रेलवे प्रशासन ने स्प्षट कर दिया है कि रेलवे कोच को कोविड सेल बनाने का फैसला उच्च स्तर पर लिया जाना है। वहीं कांग्रेस नेता विजय केशरवानी ने तैयार कोच को  कोविड सेल नहीं बनाये जाने को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर किया है। विजय ने कहा कि जिले में दिनों दिनों संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके भाजपा नेता साल भर से खड़े तैयार रेलवे कोविड कोच को लेकर किसी प्रकार का प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं। जहां श्रेय लेने की बात आती है वहां गला साफ करने लगते हैं।

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रेलवे कोच की मांग

                   जानकारी देते चलें कि एक साल पहले लाकडाउन के दौरान रेल मंत्रालय ने देश भर में कोविड आपातकाल से निपटने रेलवे कोच को कोविड सेल बनाने का अभियान चलाया। इसी क्रम में बिलासपुर में भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 56 कोच को कोविड सेल का स्वरूप दिया। अलग बात है कि इसका उपयोग नहीं हुआ। कोच आज भी जस के तस स्टेशन में है।

                 एक साल बाद कोरोना के दूसरे लहर में छत्तीसगढ़ बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अप्रत्याशित संक्रमित आंकड़ा बढ़ने से स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव बढ़ा है। प्रदेश के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर में मरीजों की रिकार्ड संख्या से अस्पताल में बेड नहीं है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेता विजय केशरवानी ने रेलवे प्रशासन से एक साल पहले तैयार कोविड कोच को संक्रमित मरीजों के लिए खोलने की मांग की। मामले में रेलवे प्रशासन ने कहा कि राज्य के जिम्मेदारी अधिकारी को रेल मंत्रालय की तरफ से मनोनित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नोडल से बातचीत करनी होगी। मामले को मंत्रालय के सामने रखा जाएगा। जो भी निर्णय होगा उसे मान्य किया जाएगा

स्वास्थ्य विभाग ने लिखा पत्र

              इसी क्रम में जिला कलेक्टर के आदेश पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने रेलवे जोन को एक पत्र लिखा। पत्र में बताया गया कि मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर एक साल पहले कोविड के लिए तैयार कोच के साथ आक्सीजन की सुविधा और मेडिकल स्टाफ की जरूरत है। मामले में विजय केशरवानी ने बताया कि रेलवे प्रशासन से अभी तक किसी प्रकार का जवाब नहीं आया है।

क्यों किया लाखों रूपये बरबाद

                   जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रेलवे प्रबंधन की असंवेदनशीलता समझ से परे है। जिले में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। समझ से परे है कि आखिर कोच को कोविड सेल बनाने में लाखों रूपए खर्च क्यों किए गए। शायद संक्रमितों को बचाने  के लिए । लेकिन अब रेलवे  प्रबंधन ,रेलवे,कोच के साथ आक्सीजन और मेडिकल सेवा देने में आनाकानी कर रहा है।

अन्य जगह  कोच को बनाया कोविड अस्पताल

             विजय ने कहा कि दक्षिण पूर्व  रेलवे जोन के लिए बिलासपुर की जनता ने क्या कुछ संघर्ष नहीं किया। हमारे जेहन में आज भी पुलिस का डंडा और जेल का दर्द ताजा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे देश का सबसे कमाऊ जोन है। हमें जानकारी है कि रेल मंत्रालय के आदेश पर ही देश के कई स्थानों में रेलवे कोच को कोविड सेल बनाया गया है। आक्सीजन की सुविधा के साथ मरीजों को समर्पित किया गया है। फिर बिलासपुर के प्रति  अन्याय क्यों।

श्रेय लेने की दौड़ से बाहर आएं

                विजय ने भाजपा नेता सांसद अरूण साव, छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है। दोनों बड़े नेता बिलासपुर के ही रहने वाले है। उन्हें सब दिखाई दे रहा है कि अप्रत्याशित बढ़ते मरीजों की संख्या से स्वास्थ्य व्यवस्था क्या असर पड़ रहा है। बावजूद इसके जिाल प्रशासन व्यवस्था को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। सीमित संसाधनों में भी लगातार बिस्तरों की संख्या में बृद्धि की जा रही है। लेकिन रेलवे ने सहयोग करने से मना कर दिया है। सांसद और नेता प्रतिपक्ष को श्रेय लेने की मानसिकता वाली होड़ से बाहर निकलना होगा। जमता के हित में केन्द्र सराकर पर दबाव बनाना होगा। ताज्जुब की बात है कि जिले के दोनों बड़़े नेता ऐसा कुछ प्रयास करते नहीं दिखाई दे रहे हैं।  

हमें जानकारी नहीं

             मामले में सांसद साव ने बताया कि एक साल पहले आपात स्थित से निपटने को लेकर देश भर में कई जगह रेलवे कोच को कोविड सेल बनाया गया। निश्चित रूप से संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। मामले को लेकर केन्द्र सरकार लगातार सक्रिय है। रेलवे कोच मामला मंत्रालय के संज्ञान में है। कांग्रेस नेताओं को अनर्गल बयान से बाज आना चाहिए। केन्द्र सरकार कोविड काल में देश की एक एक जनता के प्रति संवेदनशील है।

प्रोटोकाल का पालन

           दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन जनसंम्पर्क अधिकारी साकेत रंजन ने बताया कि कुछ प्रक्रियाएं होती है। कोरोना का एक प्रोटोकाल है । इसका पालन सबको करना होगा। रेल मंत्रालय ने रायपुर डीआरएम को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। राज्य सरकार का भी एक नोडल अधिकारी होता है। मामले में दोनों नोडल अधिकारी को ही बातचीत करना है। राज्य के नोडल अधिकारी को रेलवे नोडल अधिकारी को लिखित देना होगा। आवेदन को मंत्रालय के हवाले किया जाएगा। फिर जो भी निर्णय होगा उसका पालन किया जाएगा।

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