सब्र का बांध टूट रहा,अब शिक्षकों ने दी हड़ताल की चेतावनी

Shri Mi
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रायपुर।राज्य सरकार की नीति से प्रदेश के शिक्षकों का सब्र का बांध अब टूट गया है अपने हक की लड़ाई में अब संविलियन आंदोलन में मोर्च का दूसरा अनुभवी शिक्षक संघ भी कूद गया है।15 दिसंबर तक पदोन्नति, क्रमोन्नति और वेतन विसंगति दूर करने व मंहगाई भत्ते पर सरकार कोई निर्णय नही लेती है तो छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने हड़ताल पर जाने की घोषणा अभी से कर दी है। संघ के समस्त राज्य, जिला व ब्लाक पदाधिकारियों को 17 दिसम्बर को राजधानी आने की तैयारियां करने के निर्देश अभी से दे दिए है।और अधिक से अधिक शिक्षको को इस हड़ताल में शामिल होने की अपील जारी की है।

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छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश कर्मचारियों की लगातार उपेक्षा से अब हमारा सब्र का बांध टूटने लगा है। हम लगातार शासन से गुहार लगा रहे हैं कि हमारी वेतन विसंगति, पदोन्नति, क्रमोन्नति,31 प्रतिशत मँहगाई भत्ता, दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों की अनुकम्पा नियुक्ति, 14 प्रतिशत CPS अंशदान, ट्रांसफर का बैन खोलने,जैसे मांगो पर निर्णय लिया जाए । लेकिन सरकार ऐसा नही कर सकी है।

शिक्षक नेता वीरेंद्र का कहना है कि सभी तक इस दिशा में हुए सब निर्णय हवा हवाई इससे प्रदेश के सभी शिक्षकों को लाभ नहीं मिलना है। जिसके कारण एक और नई विसंगति शुरू होने वाली है इस कारण हम अब बड़े आंदोलन को मजबूर हो रहे हैं जिसकी जवाबदेही शासन की ही होगी। हमारी मांगो पर शासन 15 दिसंबर तक पूरा नहीं करती है तो प्रदेश के समस्त शिक्षक राजधानी रायपुर में 17 दिसम्बर को अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

संघ के महासचिव धर्मेश शर्मा,कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के कर्मचारी और शिक्षक अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय और उपेक्षा से हताश होकर आक्रोशित हैं,यदि उनकी मांग जल्द पूरी नही की जाती तो स्वाभाविक है यह आक्रोश एक बड़े आंदोलन को जन्म देगी।

प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ समस्त जिला मुख्यालय में 8 दिसम्बर को कलेक्टर के समक्ष मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौपेंगा। जिसमे मांग पूर्ण न होने की दशा में 17 दिसम्बर को राजधानी में प्रदेश के समस्त शिक्षक एकत्रित होकर कर्मचारी अन्याय के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

शिक्षक संघ से मिली जानकारी के मुताबिक इस बढ़ी हुई महंगाई में हमें 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही हमारा 14 प्रतिशत अंशदायी जमा हो रहा है। व्याख्याताओं को पदोन्नति से बाहर किया गया है । वेतनविसंगति, पदोन्नति,क्रमोन्नति/समयमान,महंगाई भत्ता, दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकम्पा नियुक्ति,CPS में बढ़ी हुई अंशदान,ट्रांसफर पर बैन पर कुछ लोगो का ट्रांसफर, LB संवर्ग जैसे अनुचित प्रत्यय पर रोक लगाने,विभिन्न एरियर्स आदि कई मांगो को लेकर छत्तीसगढ़ के शालेय शिक्षक लगातार शासन से पत्राचार,ज्ञापन व धरना प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते रहे हैं किंतु अभी तक इन मुद्दों पर कोई ठोस पहल होते नही दिख रही है,कर्मचारियों की उपेक्षा के कारण प्रदेश के समस्त शिक्षक आक्रोशित हैं और वे अब एक बड़े आंदोलन की बढ़ रहे हैं,जिसके लिए वे जाने जाते हैं।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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