NTPC महाप्रबंधक बोले..जमीन के बदले नौकरी नहीं..सभी सवालों का ना में मिला जवाब..कहा प्रदूषण कहीं नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एनटीपीसी प्रबंधन ने बताया कि भारत सरकार का निर्देश है कि किसानों को जमीन के बदले जमीन मिलेगी ना की  नौकरी। बावजूद इसके हमने स्थानीय स्तर पर  427 से अधिक लोगों को नौकरी दी है। पत्रकार सम्मेलन में यह बात पद्म कुमार राजशेखरन ने कही। राजशेखरन ने बताया कि एनटीपीसी ने क्षेत्र और प्रदेश के विकास में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। सीएसआर मद से पर्यावरण संरक्षण समेत आधारभूत संरचनाओं पर अपनी जिम्मेदारियों को लगातार निभाया है। इस दौरान एनटीपीसी प्रबंधन ने सालाना उपलब्धियों का लेखा जोखा भी पेश किया।

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                   पत्रकार सम्मेलन के दौरान एनटीपीसी आलाधिकारियों की उपस्थिति में प्रबंधन ने एनटीपीसी स्थापना से लेकर वर्तमान स्थिति तक की वस्तुस्थिति से अवगत कराया। साल 2018-19 की उपलब्धियों को भी पेश किया। मुख्य महाप्रबंधक राजशेखरन ने बताया कि एनटीपीसी सीपत सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित पर्यावरण हितैषी और देश दुनिया की ख्यातिप्राप्त कम्पनी है। बिजली उत्पादन में सीपत स्टेशन को कई अवार्ड मिल चुके हैं। हमने पर्यावरण संरक्षण से लेकर जलसंरक्षण की दिशा में बहुत काम किया है। काम को लेकर देश दुनिया में कम्पनी को सम्मानित भी किया गया है। सीएसआर मद से विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक काम किया गया है। यह क्रम आज भी जारी है।

             सवाल जवाब के दौरान मुख्य महाप्रबंधक और मानव संसाधन विभाग के कर्मचारी रविशंकर ने बताया कि भारत सरकार का निर्देश है कि जमीन बदले जमीन दिया जाएगा। हमने जमीन के बदले नौकरी की बात नहीं कही है। बावजूद इसके हमने 626 में से 427 लोंगों को काम दिया है। चूंकि भर्ती करते समय आरक्षण नियमों का पालन किया जाना है। इसलिए सरकार से दिशा निर्देश भी मांगा है। बाकी पोस्ट की भर्तियां निर्देश हासिल होेने के बाद होगी। 

                                 पर्यावरण की दिशा में किए गए कामों का क्या कभी भौतिक सत्यापन हुआ है।  या फिर पुराने आकड़ों को ही बार बार पेश कर हरियाली का ढिंढोरा पीटा जाता है। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि हम अपनी जिम्मेदारियों का इमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं। वन विकास निगम और हरियर छत्तीसगढ़ योजना के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का काम किया जा रहा है। समझौते के तहत दोनों विभाग को पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी दी गयी है। दोनों विभागों से चार साल का रखरखाव समझौता भी हुआ है।

              एक सवाल के जवाब में महाप्रबंधक ने बताया कि सीपत के विकास में हमने बहुत काम किया है। आज भी किया जा रहा है। सड़क नाली जैसी समस्याएं दूर नहीं होेने की कुछ तकनीकि पहलु हैं। लेकिन मुद्दा बड़ा नहीं है…शासन के दिशा निर्देशों का पालन करना होता है। सड़क नाली समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा। 

                                  पर्यावरण प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या है। सीपत से जुड़े आस पास के गांव में राख के गुबार से जनजीवन का रहना मुश्किल हो गया है। सवाल के जवाब में महाप्रबंधक ने पहले तो मानने से इंकार किया। बाद में बताया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पौधे लगाए जा रहे हैं. समस्या जल्द ही दूर होगी। इसके अलावा मौके का जायजा भी लेंगे।

                    पत्रकार वार्ता के दौरान महाप्रबंधक ने सारे सवालों का जवाब गोलमोल दिया। कभी नौकरी नहीं दिए जाने की बात कही तो कभी प्रशिक्षण के बाद नोकरी दिए जाने की बात दोहराई  हैं। सवाल जवाब के दौरान पहले प्रदूषण से इंकार किया कौड़िया का जिक्र होतीे ही बात से पलटते हुए कहा कि राख के बादल बुहत बड़ी  समस्या है।

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