NTPC-विश्व में भारत का गौरव..महाप्रबंधक ने बताया..7 राज्यों में जलती है सीपत की बिजली ..इस महीने 41 विस्थापितों को मिलेगा रोजगार.. कोरोना काल में प्रबंधन ने खोला CSR का मुंह

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— एनटीपीसी के पास इस समय मात्र 13 दिन का ही कोयला स्टाक है। लेकिन प्रबंधन इस बात को लेकर परेशान नहीं है। हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था है। विश्व में एनटीपीसी का अहम् स्थान है। हमारे ना केवल बिजली उत्पादन से ही रिश्ता है। बल्कि सामाजिक सरोकार से एनपीसी का अभिन्न और गहरा नाता है। हम प्रक्रिया के तहत जल्द ही 41 विस्थापितों को एनटीपीसी में नौकरी देने जा रहे हैं। यह बातें नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन के महाप्रबंधक ने पत्रकार सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से संवाद के दौरान कही। महाप्रबंधक ने बताया कि सच तो यह है कि एनटीपीसी को राष्ट्र के समग्र विकास में अहम स्थान हासिल है। विश्व में एनटीपीसी का दूसरा नाम भारत का गौरव भी है। 

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 महाराष्ट्र को सर्वाधिक बिजली

                     महाप्रबधक घनश्याम प्रजापति ने बताया कि एनपीसी ने अलग अलग मंच पर क्षेत्र, प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। सीपत से सात राज्यों को बिजली की आपूर्ति होती है। महाराष्ट्र को सर्वाधिक 27 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति की जाती है। मई महीने से किन्ही कारणों से बन्द यूनिट से भी बिजली का निर्माण शुरू हो जाएगा।

13 प्रतिशत स्टाक..फिर भी कमी नहीं

                एनटीपीसी सीपत में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में महाप्रबंधक घनश्याम प्रजापति ने कम्पनी की उपलब्धिियों को पत्रकारों के साथ साझा किया। महाप्रबंधक ने बताया कि साल  2021-22 में रिकार्ड तोड़ बिजली उत्पादन में अहम स्थान हासिल किया है। महाप्रबंधक ने बताया कि एनटीपीसी को दीपिका कोयला खदान से ईंधन की आपूर्ति होती है। इस समय हमारे पास 13 दिन का ही कोयला स्टाक है। जरूरत पड़ने पर अन्य खदानों से कोयला की व्यवस्था करेंगे। उन्होने बताया कि एनटीपीसी सीपत को पूरे समूह में निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर देश में पहला स्थान हासिल हुआ है।

रिकार्ड तोड़ पौधरोपड़

               महाप्रबंधक ने बताया कि सीपत से 16-16 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को दिया जाता है। गुजरात राज्य को कुल उत्पादन का 26 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति होती है। इस दौरान महाप्रबंधक ने सीपत एनटीपीसी की उपलब्धियों को भी साझा किया। उन्होने बताया किपर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक 11 लाख से भी ज्यादा पौधरोपण किया जा चुका है। परिणाम भी बेहतर है।

राख समस्या को लेकर प्रबंधन गंभीर

         राख प्रबंधन की समस्या के सवाल पर जीएम ने कहा कि  इस बात को लेकर प्रबंधन पूरी तरह से गंभीर है। नई व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। अब प्लांट के अंदर से ही ट्रेन से राख बाहर भेजा जाएगा। बांध से उडने वाली राख को लेकर प्रबंधन सतर्क है। समय समय पर पानी का छिड़काव किया जाता है। साथ ही पौधरोपण के माध्यम से समस्या पर काबू करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

विस्थापितों को देंगे रोजगार

          विस्थापित लोगों को मुआवजा और रोजगार के सवाल पर जीएम ने बताया कि प्रंबधन पूरी तरह से गंभीर है। जिला प्रशासन, भुविस्थापितों और एनटीपीसी के संयुक्त निर्णय के अनुसार नौकरी दिए जाने का फैसला लिया गया है।जिनकी ज्यादा जमीन अधिग्रहित हुई है उन्हें पहले इसके बाद क्रमिक रूप से कम जमीन वाले परिवार को नौकरी दी जा रही है। कुल 692 लोगों को नौकरी दिया जाना है। अब तक 626 लोगों को नौकरी मिल गयी है। महीने में 41 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। नौकरी की प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का भी पालन किया जा रहा है।

रिकार्ड तोड़ बिजली उत्पादन

         सवाल जवाब के दौरान महाप्रबंधक प्रजापति ने एनटीपीसी सीपत से उत्पादन किए जा रहे बिजली की मात्रा से पत्रकारों को अवगत कराया। सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इकाइयां स् कुल 2980 मेगा वाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। भारत के विकास में एनटीपीसी सीपत की अहम भूमिका है। इसके अलावा हम अन्य स्रोत से भी बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। बेहतर कार्य निष्पादन और ऊर्जा प्रबंधन के लिए सभी क्षेत्रों में एनटीपीसी को सम्मानित किया गया है।

कोरोना काल में खोला सीएसआर मद का मुंह

                प्रजापति ने बताया कि एनटीपीसी सीपत प्रबंधन  अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर हमेशा सजग रहा है। वित्त वर्ष कोई भी हो..सामाजिक सरोकार पर ने प्रबंधन ने हमेशा अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया है।  चाहे स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या स्वच्छता का.. शिक्षा खेल कला और संस्कृति को बढ़ावा देने एनटीपीसी सीपत ने हमेशा की तरह सबसे आगे रहा है। अब तक प्रबंधन लगभग 363 करोड रुपए खर्च किए हैं। कोरोना काल के दौरान जनहित में एनटीपीसी  प्रबंधन ने दोनों हाथ से सीएसआर मद खर्च किया है।

कई मंच पर कई बार सम्मान

               खेल के क्षेत्र में प्रतिभा खोज से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को स्थापित किया है।
एनटीपीसी सीपत को अच्छी तरह से पता है कि जीवन में जल की क्या अहमियत है। जल संरक्षण को लेकर नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रबंधन की तरफ से लोगों के बीच जल संरक्षण के साथ स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा है।यहां अब लिक्विड डिस्चार्ज शून्य प्रतिशत है। ज्यादा से ज्यादा ट्रीटमेन्ट जल का उपयोग किया जा रहा है। जिसके जलते जलस्तर पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी सीपत को  मिशन एनर्जी फाउंडेशन ने पावर प्लांट पर फार्मर 2021 का पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके अलावा रीन इफेक्ट अवार्ड भी सीपत ने जीता है।

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