संस्कृत व वाणिज्य के पद की कटौती अस्वीकार्य…छात्रों की संख्या बढ़ी तो शिक्षकों के भी पद बढ़ाये जाये

Shri Mi
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रायपुर 10 मई 2022। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि 2008 में सेटअप बना था, 14 वर्ष बाद पुनः सेटअप जारी किया गया है, इन 14 वर्षों में विद्यार्थियों की संख्या में लाखों की तादात में वृद्धि हुई है, जबकि 2008 में विद्यार्थियों के अनुपात में ही शिक्षकों का पद स्वीकृत किया गया था।प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि जब विद्यार्थियों की संख्या में लाखों की वृद्धि हुई है तो ऐसे में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक के शालाओं में शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या में भी वृद्धि किया जावे। उन्होंने आगे कहा है कि प्रत्येक प्राथमिक शाला में 1 प्रधान पाठक का पद व 4 सहायक शिक्षक का पद अनिवार्यतः स्वीकृत किया जावे। इसी प्रकार से मिडिल स्कूल में 1 प्रधान पाठक व 4 शिक्षक का पद अनिवार्यतः स्वीकृत किया जावे। इस सेटअप से शिक्षा गुणवत्ता ध्वस्त होगा, संस्कृत व वाणिज्य के पदों पर कटौती अस्वीकार्य होगा।

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इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को प्रधान पाठक प्राथमिक, शिक्षक व प्रधान पाठक मिडिल के पदों पर अधिक संख्या में पदोन्नति मिलेगी।विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति होने से गुणवत्ता पूर्वक अध्यापन होगा। विभाग द्वारा जारी विसंगति पूर्ण सेटअप में शालाओं के लिए स्वीकृत मापदंड में सुधार हेतु छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने मांग पत्र व सुझाव शासन को प्रस्तुत किया है।

प्राथमिक शाला

प्राथमिक शाला हेतु सेटअप की गणना के लिए किए गए मापदंड में 80 विद्यार्थी दर्ज पर 1 प्रधान पाठक व 2 सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया है, तथा 30 दर्ज संख्या अधिक होने पर एक अतिरिक्त शिक्षक का पद स्वीकृत किये जाने का प्रावधान किया गया है।

सुझाव / मांग– 80 विद्यार्थी दर्ज पर 1 प्रधान पाठक व 4 सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया जावे। तथा 15 से 30 दर्ज संख्या अधिक होने पर एक अतिरिक्त शिक्षक का पद स्वीकृत किया जावे।

पूर्व माध्यमिक शाला

पूर्व माध्यमिक शाला हेतु सेटअप की गणना के लिए किए गए मापदंड में विरोधाभास है पहले लिखा है कि न्यूनतम 1 प्रधान पाठक व 4 शिक्षक का पद स्वीकृत होगा, उसके बाद 31 से 50 दर्ज संख्या वाले विद्यालय में 1 प्रधान पाठक व 3 शिक्षक का पद स्वीकृत होगा, लिखा गया है।30 से कम दर्ज वाले शाला में प्रधान पाठक का पद स्वीकृत नही किया गया है।

सुझाव / मांग – 30 से कम दर्ज वाले शाला में भी न्यूनतम 1 प्रधान पाठक व 4 शिक्षक का पद स्वीकृत किया जावे। 15 से 30 अधिक विद्यार्थियों में एक अतिरिक्त शिक्षक का पद स्वीकृत किया जावे।

हाई स्कूल

हाई स्कूल हेतु सेटअप की गणना के लिए किए गए मापदंड में न्यूनतम 1 प्राचार्य व 5 व्याख्याता का पद स्वीकृत किया गया है। 220 दर्ज संख्या अतिरिक्त पद स्वीकृत नही किया गया है, 221 विद्यार्थी संख्या पर एक अतिरिक्त व्याख्याता संस्कृत विषय का स्वीकृत किया गया है।

सुझाव / मांग – न्यूनतम 1 प्राचार्य व 6 व्याख्याता का पद स्वीकृत किया जावे। 35 से अधिक विद्यार्थियों में एक अतिरिक्त व्याख्याता का पद स्वीकृत किया जावे। संस्कृत व्याख्याता का 1 पद भी सभी हाईस्कूल में अनिवार्यतः स्वीकृत किया जावे।

हायर सेकंडरी स्कूल

200 विद्यार्थी संख्या वाले शाला में न्यूनतम 9 ब्याख्याता का पद स्वीकृत किया गया है।प्रत्येक कक्षा / वर्ग में 50 के मान से गणना किया गया है।

सुझाव/मांग – वर्तमान में वाणिज्य संकाय के 1 व्याख्याता व कला संकाय के 2 व्याख्याता स्वीकृत है, जिससे इन दोनों संकाय में विषय आधारित शिक्षण व्यवहारिक रूप से संभव नही है, अतः –

पूर्व सेटअप की भांति वाणिज्य संकाय में 02 पद न्यूनतम स्वीकृत किया जावे ताकि वाणिज्य के 6 पीरिएड संपादित हो सके।

  • सामाजिक विज्ञान व कला संकाय के अध्यापन हेतु 9 वी से 12 वी तक के लिए इतिहास, राजनीति, भूगोल, अर्थशास्त्र के न्यूनतम 3 व्याख्याता की पदस्थापना सभी हायर सेकेंडरी स्कूल में किया जावे।

हायर सेकेंडरी स्कूल में न्यूनतम दर्ज संख्या पर 12 व्याख्याता का पद स्वीकृत किया जावे।हायर सेकेंडरी में 40 की दर्ज संख्या में 1 अतिरिक्त व्याख्याता का पद स्वीकृत किया जावे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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