रायपुर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। जिसमें ताजा हालात की समीक्षा करते हुए तय किया गया है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी सूरत में कोरोना का फैलाव को रोकना होगा। इसके लिए जारी किए गए गाइडलाइन का पालन कराने प्रशासन को सख्ती बरतने के लिए कहा गया है और प्रशासन सड़क पर उतर कर गाइडलाइन का पालन कर आएगा।मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश के कृषि और सिंचाई मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में छत्तीसगढ़ में कोरोना के ताजा हालात पर विस्तार से बात की है। उन्होंने प्रदेश के सभी क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी रायशुमारी की है। साथ ही कोरोना के बाद उत्पन्न हुई स्थिति का सामना करने के लिए सामाजिक संगठनों से भी चर्चा हुई है। सभी ने पिछले साल की तरह और उससे भी आगे बढ़कर सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिला कलेक्टरों को अपने जिले की स्थिति के अनुसार लॉकडाउन का फैसला करने कहा गया है। बैठक में इसकी भी समीक्षा की गई। रविंद्र चौबे ने बताया की सरकारजोर इस बात पर है कि कोरोना की चेन को किसी तरह रोकना जरूरी है। इसके साथ ही जिन अस्पतालों में बेड की आवश्यकता है, वहां भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
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मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कहा है कि किसी भी जिले में फंड की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले संस्थानों को मेडिकल ऑक्सीजन का भी उत्पादन करने कहा गया है। बैठक में मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को स्पष्ट निर्देशित किया है कि कोरोना की गाइड लाइन का सख्ती से पालन होना चाहिए। इसके लिए अगर जरूरत पड़े तो प्रशासन को सड़क पर भी उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में बहुत अधिक सख्ती बरतने की खबरें आ रही हैं। जिसमें किसी व्यक्ति को जेल भेजे जाने की भी खबर है।
छत्तीसगढ़ में इस तरह की सख्ती नहीं की जाएगी। लेकिन गाइडलाइन का पालन हर स्थिति में आवश्यक है। जिससे कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके ।
लॉक डाउन की संभावनाओं से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग में पूर्ण लाक डाउन है। इसी तरह बेमेतरा और राजनांदगांव में भी लॉक डाउन लगाया गया है। यह निर्णय अभी तक यथावत है। आगे अन्य जिलों में अपनी परिस्थिति के अनुसार लॉकडाउन का अधिकार जिला कलेक्टरों को दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारियां दी गई है। कुछ समय बाद पूरी स्थिति सामने आ जाएगी।