खुद को सरकारी संस्था बता करोड़ों ठगने वाला गैंग तबाह,गिरफ्तार साइबर अपराधियों में दो लड़कियां भी शामिल

Shri Mi
5 Min Read

दिल्ली।देश की राजधानी में पुलिस ने साइबर अपराधियों (Cyber Criminal) के एक बड़े ऑनलाइन ठगी (Online Cheating) के अड्डे को तबाह कर दिया. इस अड्डे को दो महिलाओं सहित 12 मास्टरमाइंड साइबर ठग चला रहे थे.ऑनलाइन ठगी के इस अड्डे को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट (Delhi Police Cyber Crime Unit) ने नेस्तनाबूद किया है. इस अड्डे से पुलिस टीमों को 7 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन सैट, एक कार, 52 हजार 500 नकदी मिली है. पता चला है कि साइबर अपराधियों का यह गैंग अब तक देश में करीब 3 हजार लोगों को झांसे में लेकर उनके पौने दो करोड़ रुपए ऐंठ चुका है.

Join Our WhatsApp Group Join Now

इस साइबर ठग गैंग ने जन सुरक्षा केंद्र (Jan suraksha kendra), जन शिकायत केंद्र (Jan shikayat kendra), ग्राहक सुरक्षा केंद्र (Grahak suraksha kender),  नया भारत (Naya bharat) आदि नामों से फर्जी वेबसाइट्स खोल रखी थीं. इन सभी वेबसाइट के नामों को देखने-पढ़ने से लगता था कि मानो यह सब सरकार की ओर से जनहित में खोली गई वेबसाइट्स हों. जबकि इन वेबसाइट्स के इस तरह सरकारी मददगार एजेंसियों से मिलते-जुलते लगने वाले नाम रखने के पीछे गिरफ्तार साइबर अपराधियों के दिमाग की खुराफात थी. ताकि आमजन या इन ऑनलाइन अपराधियों के षडयंत्र से अंजान लोगों को आसानी से आकर्षित करके जाल में फंसाया जा सके.

अड्डा तबाह करने को बनाई विशेष टीम

इन तमाम तथ्यों की पुष्टि शुक्रवार को राजधानी में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी, इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटिजिक ऑपरेशंस (Intelligence Fusion & Strategic Operations) के पी एस मल्होत्रा ने की. साइबर अपराधियों द्वारा संचालित ऑनलाइन ठगी के इस अड्डे को तबाह करने के लिए स्पेशल सेल ने कई टीमों का गठन किया था. इन टीमों में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रमन लांबा, इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सब-इंस्पेक्टर विजेंद्र, सुनील, सहायक उप-निरीक्षक अजीत अनिल और हवलदार ललित, हरि कृष्ण और अतुल को शामिल किया गया था.

पहले से ही पीड़ित थे निशाने पर

डीसीपी के मुताबिक, “गिरफ्तार सभी 12 साइबर ठगों की उम्र 20-22 साल से 30 साल के बीच है. इनमें अधिकांश उच्च शिक्षित और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले भी हैं. गिरफ्तार ठगों में अधिकांश दिल्ली के अलग-अलग इलाकों, दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के हाई टेक शहर नोएडा के रहने वाले हैं. यह गैंग ऐसे लोगों की तलाश करता था, जो पहले से ही ऑनलाइन साइबर ठगी और ठगों द्वारा झांसे में लेकर शिकार बनाए जा चुके हों और अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने के लिए इधर उधर भटक रहे हों. गिरफ्तार साइबर ठग शिकायत दर्ज करने के नाम पर पीड़ित से पहले 2850 रुपए ऐंठते थे.

ऐसे फूटा ऑनलाइन जालसाजी का भांडा

रुपए ऐंठते ही यह ठग ऑनलाइन सिस्टम से गायब हो जाते थे. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (National Cyber Crime Reporting Portal) पर इसी तरह की ठगी की तमाम शिकायतों पर पुलिस की नजर पड़ी. तो दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने इन शिकायतों की जड़ों तक खुद ही पहुंचने की कोशिशें शुरू कर दी.” दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट की जांच में पता चला कि यह शिकायतें तो करीब एक करोड़ 74 लाख जैसी मोटी रकम की ठगी से संबंधित हैं. इन ऑनलाइन साइबर अपराधियों के साथ गिरफ्तार दोनों महिला ठगों की उम्र भी 22-23 साल के आसपास है. दोनो गिरफ्तार महिला ठग भी नोएडा की रहने वाली हैं.

जैसा शिकार वैसी फीस की रकम होती

अड्डे को नेस्तनाबूद करने पहुंची दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों को पता चला कि ये गैंग 500 से लेकर 30 हजार रुपए प्रति शिकार तक वसूल किया करते थे. इस गैंग के संचालक मास्टरमाइंड ऑनलाइन साइबर अपराधियों ने आमजन को झांसा देने के लिए जो फर्जी वेबसाइटस तैयार की उनमें से कई का पता लग चुका है. इनमें जन शिकायत केंद्र (Jan Shikayat Kendra), ग्राहक सुरक्षा केंद्र (Grahak Suraksha Kendra), नया भारत (Naya Bharat) के नाम प्रमुख हैं. पहली नजर में देखने पर किसी को भी यह सब वेबसाइट नाम से ऐसी मालूम पड़ती हैं. मानो इनका संचालन सरकारी एजेंसियों या सरकार द्वारा किया जा रहा हो. जबकि हकीकत एकदम इसके उलट थी. यह नाम ठगों ने आमजन की नजरों को धोखा देने के मकसद से ही रखे थे.

Share This Article
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close