बिलासपुर—एक ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि SECL के वरिष्ठ अधिकारी ने टेंडर के बदले दो लाख रूपया घूस मांगा है। ठेकेदार ने प्रेस वार्ता कर बताया कि दो लाख नहीं दिए जाने पर अधिकारी ने ना केवल टेंडर निरस्त किया। बल्कि अर्नेस्ट मनी भी जब्त कर लिया है। रीटेंडर की प्रक्रिया से भी बाहर भी बाहर कर दिया है।
ठेकेदार आशुतोष जायसवाल ने पत्रकारों ने बताया कि एनआईटी में भाग लिया। एसईसीएल की टेन्डर कमीटी ने टेक्निकली क्वालीफाई करते हुए मुझे L1 बीडर घोषित किया गया। रेट काम्पेटेटीव था..टेंडर को बारीकी से अवलोकन करने के बाद ही डाला था।
एसईसीएल ने प्राइस जस्टिफिकेशन के लिए 11 जुलाई को मेल भेजकर 48 घंटे के अन्दर जवाब देने को कहा। मैने जवाब संतोषप्रद दिया..बावजूद इसके E&M Department ने दुबारा 13 जुलाई को मेल से प्राइस जस्टिफिकेशन मांगा । बार जवाब पेश करने का समय सिर्फ 24 घंटे ही दिया। परेशानी के बाद भी जवाब इस बार भी समय पर भेजा।
आशुतोष जायसवाल ने बताया कि 15 जुलाई .2022 को कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम से संजीव आनंद महाप्रबंधक E&M SECL हसदेव क्षेत्र ने फोन पर कहा कि वर्कआर्डर के पाना चाहते हो तो आकर मिलो । अन्यथा तिकड़म लगा कर टेन्डर कैंसिल कर दिया जाएगा। पत्रकारों को ठेकेदार जायसवाल ने बताया कि संजीव आनन्द की वायस रिकार्डिंग भी है।
बावजूद इसके संजीव आनन्द से मिला। उन्होने रिश्वत में दो लाख रूपये मांगा। और मैंने देने से इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होने धमकी दिया कि टेन्डर कैंसिल कर देंगे। जमा राशि भी जब्त कर लेंगे।
संजीव आनंद ने कहा कि मैं तो इसी माह यानि जुलाई में रिटायर्ड हो जाऊंगा। इसलिए तुम मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकते। तुम्हें जो करना हो..एक बार आजमा कर देख लो।
आशुतोष जायसवाल ने बताया कि वह SECL ( E & M ) विभाग का रेगुलर और बोनाफाइड ठेकेदार है। पिछले 20 साल से SECL के भिन्न – भिन्न क्षेत्र में काम कर रहा हूं। मेरा फर्म SECL मे लगातार टेन्डर प्रक्रिया में भाग लेता है। टेन्डर मिलने पर ईमानदारी से गुणवत्ता के साथ काम करता हूं। काम पूरा होने के बाद विभाग से Work Completion Certificate भी मिलता है।
आशुतोष के अनुसार इस बार टेन्डर में जो रेट डाला हैं..वह पूरी तरह से कार्य करने योग्य हैं । मैं गुणवत्ता के साथ सफलतापूर्वक और संतोषजनक कार्य निर्धारित समय सीमा के अन्दर पूर्ण कर सकता हूं। लेकिन संजीव आनन्द ने टेन्डर को निरस्त कर वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया। रिटेन्डस से भी बाहर कर दिया है।
ठेकेदार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि एसईसीएल अधिकारी संजीव आनन्द भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए बड़ी रकम नहीं मिलने पर उन्होंने टेन्डर निरस्त किया है। टेन्डर के कैंसिलेशन नोटशीट में टेन्डर कमीटी मेम्बर का हस्ताक्षर नहीं है। और ना ही विभाग का डिस्पैच नम्बर ही है।
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