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संविदा कर्मचारियों की खुली चुनौती..सरकार वादा निभाएं…याद करें वर्तमान मंत्रियों ने क्या कहा था…हमें आज भी इंतजार

जल्द ही बैठक कर लिया जाएगा फैसला..श्याम दुबे

बिलासपुर—संवीदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एक बार फिर नियमितीकरण और वेतन वृद्धि मांग को लेकर सक्रिय हो गये है। मामले में संविदा कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय  प्रांगण में बैठक किया है। इस दौरान संविदा कर्मचारियों ने सरकार को आगाह भी किया। साथ ही एलान किया कि मांग पूरी होने तक संघर्ष करेंगे। जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।
संविदा कर्मचारियों ने नियमितिकरण और 27 प्रतिशत वेतन बृद्धि की मांग को लेकर बैठक किया। बैठक का आयोजन सीएचएमओ कार्यालय परिसर में किया। एनएचएम संघ प्रदेश अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने बताया कि हमारी मांग लम्बे समय से सरकार  के दरबार में लंबित है। संघर्ष और लगातार प्रयास के बाद भी सरकार ने हमारी जायज मांग को महत्व नहीं दिया है। पिछली सरकार ने वादा करने के बाद भी वादा नहीं निभाया। इसका खामियाजा कॉग्रेस सरकार उठाना पड़ा है। जाहिर सी बात है कि कांग्रेस पार्टी को भी भारी नुक़सान हुआ है। और अब कांग्रेस को विपक्ष में बैठने को मजबूर होना पड़ा है।
श्याम दुबे ने बताया कि रायपुर के तूता में तत्कालीन समय संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर हड़ताल  किया । इस दौरान ही तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव,वर्तमान वित्त मंत्री ओ.पी. शर्मा , पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह  समेत अन्य भाजपा के नेताओं ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन का समर्थन किया। साथ ही वादा भी किया कि सरकार बनने पर संविदा कर्मचारियों को राजस्थान और मध्यप्रदेश मॉडल की तर्ज पर राज्य के सभी संविदा कर्मचारियों को लाभ पहुचाएंगे।
 दुबे ने कहा कि सरकार बने धीरे धीरे एक साल हो गया है। बावजूद इसके सरकार को अपने किये गये वादों का ध्यान नहीं है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने तूता में दो दिवसीय ध्यानाकर्षण किया । बावजूद इके सरकार गहरी नींद में है। सामने नगरीय निकाय चुनाव है। सरकार को संविदा कर्मचारियों के हित में तत्काल फ़ैसला लेना होगा। बैठक मे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार यदि जल्द से जल्द हमारी मॉगो पर विचार नहीं करती है तो संविदा कर्मचारियों को एक बार फिर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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