OTT content: ओटीटी पर बढ़ते अश्लील कंटेंट को लेकर सरकार गंभीर, Anurag Thakur ने कहा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म को क्रिएटिविटी के लिए आजादी मिली थी, गाली-गलौज के लिए अश्लीलता के लिए नहीं।

OTT content- ओटीटी पर बढ़ते अश्लील कंटेंट को लेकर सरकार गंभीर है। इसे लेकर एक बड़ा बयान देते हुए केंद्रीय मंत्री Anurag Thakur ने कहा कि क्रिएटिविटी के नाम पर गाली गलौज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Anurag Thakur ने इस बात के संकेत भी दिए कि अगर जरूरी हुआ तो इसे रोकने के लिए कानून भी लाया जाएगा।
OTT content- डिजिटल प्लेटफार्म पर लगातार बढ़ रही अश्लील सामग्री के शिकायत लंबे समय से की जा रही है। इसी के बारे में Anurag Thakur ने कहा, “क्रिएटीविटी के नाम पर दुर्व्यवहार और अशिष्टता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट बढ़ने की शिकायतों को लेकर सरकार गंभीर है। अगर इस बारे में नियमों कोई बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो उनका मंत्रालय इससे पीछे नहीं हटेगा। अश्लीलता और अपशब्दों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म को क्रिएटिविटी के लिए आजादी मिली थी, गाली-गलौज के लिए अश्लीलता के लिए नहीं। अगर कोई इसकी सीमा को पार करेगा तो यह कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।
केंद्रीय मंत्री Anurag Thakur ने कहा, “इसके लिए अभी तक एक प्रक्रिया है। पहले लेवल पर प्रोड्यूसर को शिकायतों का संज्ञान लेकर उन्हें दूर करना होता है। 90-92% शिकायतें प्रोड्यूसर ही दूर करते हैं। इसके बाद एसोसिएशन के लेवल पर शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। फिर सरकार के लेवल पर बात आती है तो डिपार्टमेंटल कमेटी भी कार्रवाई करती है। हम नियमों के हिसाब से काम करते हैं। अभी की स्थिति की बात करें तो पिछले कुछ समय से शिकायतें बढ़ना शुरू हुई हैं, जिसको लेकर मंत्रालय गंभीर है। अगर इसमें कोई बदलाव की जरूरत होगी तो इस पर गंभीरता से विचार करने के बाद फैसला लेंगे।”
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट भी इस संबंध में अपनी चिंता जता चुका है। एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील भाषा वाली सामग्री को विनियमित करने के लिए उपयुक्त कानून या दिशानिर्देशों को लागू करने की जरूरत है। आगे कहा कि सार्वजनिक डोमेन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील भाषा के उपयोग को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि ये आसानी से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करते हैं।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने टीवीएफ वेब सीरीज “कॉलेज रोमांस” में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि ये एक आम आदमी के “मनोबल शालीनता सामुदायिक परीक्षण” को पास नहीं करती है और अश्लीलता के क्षेत्र में प्रवेश करती है।