सुनिए..पूर्व महापौर के दादा की दर्द भरी कहानी..बताया..सब चढ़ते सूरज को कर रहे सलाम..अंधा हूं..लेकिन जमीर जिन्दा है..85 साल से कर रहा RSS की सेवा..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मेरा नाम विजय बहादुर सोनी है…साल 1928 में मेरा जन्म हुआ। बीएचयू से स्नातक हूं। साल 1925 में आरएसस का जन्म हुआ। साल 1935 आरएसएस का सदस्य भी हूं। आज भी सक्रियता बनी है। गुरूदक्षिणा भी देता हूं। पूर्व महापौर विनोद सोनी मेरा नाती है। मैने दोनो हाथ से सैकड़ों एकड़ जमीन दान दिया। आज दो जून की रोटी के लिए 96 साल की उम्र में कलेक्टर कार्यालय आया हूं।
                 विजय सोनी ने बताया कि मेरा भी जमीर है। आखिर कितनी बार पार्षद के पास जाऊं। पार्षद मेरा नाती विनोद सोनी ही है। पिछले चार महीने से राशन नहीं मिला है। राशन दुकान भाजपा नेता शरद गुप्ता का है। उसने कहा कि राशन नहीं दूंगा। यद्यपि मेरे पास राशन कार्ड भी है। लेकिन शरद गुप्ता पहचान मांगता है। मैने अमर अग्रवाल के सामने भी विनोद सोनी से राशन के लिए फरियाद किया। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। मैं अंधा हूं..मेरे दो बेटे थे..कुछ साल पहले ही भगवान को प्यारे हो गए। रमन सिंह ने पांच लाख रूपया भी दिया था। प्रधानमंत्री मोदी से साल 2018 में वीडियो कांफ्रेसिंग से बातचीत हुई थी।
               आज पहचान बताने खाद्य विभाग आया हूं। अधिकारी अच्छे हैं..उन्होने तत्काल राशन दिलाने का आदेश दिया है। 96 साल के बुजर्ग विजय सोनी ने कहा कि अंधा हूं..पत्नी सिन्धु बाई 90 साल की है…लेकिन हमारे पीछे आज कोई नहीं है..यही कारण है कि अब ऐसे हालात से गुजरना पड़ रहा है।
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