बिलासपुर—दक्षिण अफ्रीका में पाए गए तीसरे वेरियंट की दहशत का असर अब प्रदेश के छात्र अभिभावक और प्रतियोगियों में दिखाई देने लगा है। 5 दिसंबर को संयुक्त वन सेवा परीक्षा 211 पदों की लिखित परीक्षा होने वाली है। जिसके चलते प्रतियोगियों में कोरोना वैरिएंट की संभावित तीसरी लहर को लेकर खासा दहशत है। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों ने शासन और लोकसेवा आयोग से परीक्षा तारीख खिसकाए जाने की मांग की है।
शासन और प्रशासन स्तर पर दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के तीसरे वेरियन्ट को लेकर शासन प्रशासन ने विचार विमर्श के बाद अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही स्कूलो को भी कोरोना वेरियन्ट की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए दिशा निर्देश भी दिया। संभावित खतरे को देखते हुए अब प्रतियोगियों ने भी परीक्षा तारीख को बढ़ाए जाने की मांग की है।
परीक्षा तारीख का एलान
प्रतियोगियों ने बताया कि 5 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ संयुक्त वन सेवा परीक्षा की लिखित परीक्षा होने वाली है। परीक्षा आयोजन दो पालियों में किया जाएगा। पहली पाली 10 से 12:30 के बीच सामान्य अध्ययन का पेपर होगा। दूसरी पाली 2:30 से 5:00 तक विषय संबंधीित दूसरे पेपर का आयोजन किया जाएगा।
छात्र छात्राओं ने बताया कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए परीक्षा केंद्रों में कोई पृथक से तैयारी नहीं की गई है। सीबीएसई से जारी गाइडलाइन के अनुसार कक्षा दसवीं और बारहवीं के टर्म एग्जाम में भी एक कमरे में 22 विद्यार्थियों को बैठने की व्यवस्था की गयी है। बावजूद इसके अनेक विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
जल्दबाजी में लिया गया फैसला
रेंजर और सहायक वन संरक्षक के पदों के लिए पहली बार बड़ी संख्या में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए आयोग ने संशोधित विज्ञापन जारी कर 4 नवंबर 2021 तक आवेदन भराया है। आनन-फानन में 5 दिसंबर को ही परीक्षा का आयोजन का फैसला किया है। विद्यार्थियों को पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार परीक्षा में समय पूर्व उपस्थित होकर मास्क आदि लगाने के लिए कहा गया है। लेकिन विभिन्न केंद्रों में लगने वाली भीड़ को देखते हुए तीसरी महामारी के फैलाव को लेकर लोक सेवा आयोग बिल्कुल भी संजीदा दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि परीक्षा में राज्य समेत अन्य प्रांतो से भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होंगे।
छात्र छात्राओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया से ट्वीट कर ओमिक्रांन वेरिएंट की आशंकाओं को देखते हुए अपनी चिंता को जाहिर किए हैं। हमारी मांग है कि स्थिति को देखते हुए परीक्षा तिथि बढ़ाया जाए।
19 सेन्टर लाखों की भीड़
प्रतियोगियों के अनुसार परीक्षा के लिए रायपुर, दुर्ग, भिलाई राजनांदगांव, बिलासपुर जांजगीर-चांपा ,जगदलपुर धमतरी ,कांकेर, बलौदाबाजार कोरिया, सरगुजा समेत कुल 19 केंद्र बनाए गए है। सभी केन्द्रों में सहायक वन संरक्षक और वन परीक्षेत्र अधिकारी के 211 पदों के लिए लाखों की संख्या में परीक्षार्थी केंद्रों में पहुंचेंगे। इस बीच खतरे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
नहीं मिला तैयारी का समय
छात्रों के अनुसार आपाधापी में तैयारी का समय भी नहीं मिला है। अपेक्षा है कि पिछले दिनों संशोधित विज्ञापन के बाद नए फार्म भरने वालों को महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी के लिए यथोचित समय दिया जाए। राज्य के अनेक युवा आजू-बाजू के राज्यों में भी नौकरी करते हैं। उन्हें भी आनन फानन में लिए जा रहे परीक्षा में शामिल होने को लेकर परेशानी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सचिव ने क्या कहा
मामले को लेकर हम सभी ने लोकसेवा आयोग के सचिव ध्रुव से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि वह सभी जिले जहाँ परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। एक लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। परीक्षा केंद्र में विद्यार्थियों को मॉस्क और सेनेटाइजर के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।
फैसला पर किया जाए विचार
इसी प्रकार 12 दिसंबर को गृह विभाग भी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 67 पदों के लिए एडीपीओ की परीक्षा है। इस बीच ओमिक्रांन दक्षिण अफ्रीका के वायरस वैरियंट के तेजी से फैलाव को देखते हुए देश में अलर्ट जारी किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने भी जिला प्रशासन को भी ओमिक्रान को लेकर अलर्ट किया है। राज्य के स्कूलों को शत-प्रतिशत खोलने के निर्णय पर भी मंत्री मोहम्मद अकबर ने परिस्थिति अनुसार पुनर्विचार का बयान दिया है।
खतरे में परीक्षा का आयोजन
राज्य स्तरीय परीक्षा में बड़ी संख्या में लोगों को रायपुर और बिलासपुर के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में आवंटित सेंटर में परीक्षा देने के लिए जाना होगा। अन्य राज्यों से प्रतियोगी परीक्षा देने आएंगे। कोरोना के नये वैरिएंट और महामारी के फैलाव की आशंका के बीच 5 दिसंबर और 12 दिसम्बर को आयोजित सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी की प्रतियोगी परीक्षाओं को आगे बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। प्रतियोगियों ने बताया कि आयोजकों और प्रतियोगियों के लिए शासन को राहत देने वाला निर्णय लेना होगा।
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