पढ़ें…कौन करता है पटवारियों को मजबूर…किसने लगाया प्रताड़ना का आरोप…क्यों बनाया जाता है दबाव

BHASKAR MISHRA
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IMG20171024131916बिलासपुर– छत्तीसगढ़ पटवारी संघ के बैनर तले आज जिले पटवारियों ने नेहरू चौक में एकदिनी धरना प्रदर्शन किया। पटवारियों ने अधिकारी वर्ग पर प्रताड़ना और नियम विरूद्ध कार्य करवाने का आरोप लगाया है। पटवारियों के अनुसार भुइयां साफ्टवेयर तकनीकि रूप से दुरूस्त नहीं है। बावजूद इसके अधिकारी वर्ग ना केवल काम के लिए दबाव डालता है। बल्कि गलत सलत काम करने के लिए मजबूर भी कर रहा है। पटवारियों ने डिजिटल सिग्नेचर पर भी सवाल उठाया है।

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                          छत्तीसगढ़ पटवारी संघ के बैनर तले आज बिलासपुर जिले के पटवारियों ने नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। शासन के सामने चार प्रमुख मांगो को लेकर आवाज को बुलंद किया। पटवारियों ने बताया कि भुइयां साफ्टवेयर परेशानी का दूसरा नाम है। भुइयां साफ्टवेयर से जुडी परेशानियों को कई बार अधिकारियों के सामने लिखित और मौखिक रूप से रखा गया। बावजूद इसके प्रशासन ने ना तो परेशानियों को समझने का प्रयास किया। और ना ही साफ्टवेयर की कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम ही उठाए है। यह जानते हुए भी डिजिटल साफ्टवेयर परेशानी का दूसरा नाम है। सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी लोग पटवारियों पर अनावश्यक दबाव डालते हैं।

                पटवारियों के अनुसार अधिकारी दबाव बनाकर पटवारियों से नियम के खिलाफ काम करने को मजबूर करते हैं। यह जानते हुए भी साफ्टवेयर अपटेशन और डिजीटल सिग्नेचर से कार्य की शुद्धता संदेह के घेरे में है। जिला पटवारी संघ ने बताया कि अधिकारियों के सामने जब भी समस्याओं को रखा जाता है। हर बार वेतनवृद्धि रोकने और निलंबन की धौंस दी जाती है। नौकरी के भय से पटवारियों को काम करना पड़ता है। यह जानते हुए भी भविष्य में गलत काम का परिणाम पटवारियों को ही भुगतना होगा। दरअसल अधिकारी वर्ग पटवारियों को काम के नाम पर लगातार प्रताड़ित करता है।  जिसके कारण पटवारी लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत परेशान हो चुके हैं।

                         धरना प्रदर्शन कर रहे पटवारियों ने बताया कि हमारी मांग है कि जब तक साफ्टवेयर की गलतियों को दूर नहीं किया जाता है। तब तक पुराने तरीके से काम लिया जाए। यदि साफ्टवेयर में सुधार नहीं किया जाता है और बेवजह काम के नाम पर दबाव बनाया जाता है तो गलतियों के लिए पूरी तरह से शासन प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। पटवारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में उग्र आंदोलन की गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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