चंडीगढ़। पंजाब के कई विधायक पेंशन के रूप में हर महीने मुख्यमंत्री से अधिक वेतन ले रहे हैं। नियमों के अनुसार विधायक को पहले कार्यकाल के लिए 75 हजार और उसके बाद हर अन्य कार्यकाल के लिए 50हजार पेंशन का प्रावधान है। विधानसभा के रिकॉर्ड के मुताबिक इस समय राज्य के 275 पूर्व विधायक अपनी अलग-अलग कार्यकाल के हिसाब से पेंशन ले रहे हैं। इसमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री समेत एक दर्जन पूर्व विधायक शामिल हैं ।जिन्हें कार्यकाल के हिसाब से 5 से 6 पेंशन मिल रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री का मासिक वेतन डेढ़ लाख बनता है वहीं प्रदेश के पूर्व विधायकों में पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल इस समय 11 पेंशन के हकदार हैं और उन्हें पेंशन की कुल राशि 576150 मिलती थी हालांकि हाल में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पेंशन न लेने की बात कही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ,लाल सिंह और परमिंदर सिंह समेत सूबे के के पूर्व विधायक ऐसे हैं जिनके कार्यकाल के हिसाब से 5 से 6 पेंशन मिलती है इसकी कुल रकम 275550 से 325650 बनती है।
सूबे के 275 पूर्व विधायकों को साल 2017 से हर साल 37 करोड़ और 5 साल से 186 करोड रुपए पेंशन के तौर पर मिले लेकिन जिन एक्ट का हवाला देते हुए अफसरों ने यह पेंशन तय है कि ऐसा कोई प्रावधान किसी भी एक्ट में था ही नहीं। सूबे की अकाली-भाजपा सरकार ने अक्टूबर 2016 में पूर्व विधायकों की पेंशन को पहले कार्यकाल में पन्द्रह हजार और बाद में दस दस हजार का प्रावधान करते हुए साफ कर दिया था कि इस राशि में महंगाई भत्ता अन्य सरकारी मुलाजिमों को मिलने वाले महंगाई भत्ते के अनुसार ही जुड़ेगा। अगर इस तरीके से पेंशन तैयार होता तो 15 हजार और 28 फ़ीसदी को मिलाकर 19200 रु ही पूर्व विधायक को मिलते। लेकिन अफसरों द्वारा की गई गड़बड़ी का नतीजा यह रहा कि पूर्व विधायकों को 19200 की जगह 75150 पेंशन मिलती रही। इस तरह 5 साल के दौरान सरकारी खजाने से लगभग 195 करोड रुपए निकाल लिए गए।