विधवा और बृद्धों ने कहा चाहिए न्याय…एजेन्ट और बैंकर लूट रहे पेंशन…हम लोग मरने को मजबूर

BHASKAR MISHRA
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IMG20180103133629बिलासपुर—देवकिरारी के गरीब निःशक्त ग्रामीणों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई महीनों से ना तो पेन्शन मिला है और ना ही मनरेगा की मजदूरी। जिसके चलते वे लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं। बैंक अधिकारी कहता है कि खाते में पैसा डाला गया है। जबकि पिछले कई महीनों से एक रूपया भी हम लोगों नहीं मिला। ग्रामीणों के अनुसार उनका सारा पैसा एक एजेन्ट बैंक अधिकारी से मिली भगत कर निकाल लेता है।

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                         देवकिरारी गांव के निराश्रित,पतित्यक्ता, बृद्ध महिला और पुरूष न्याय की गुहार लगाने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि देवकिरारी के सभी निराश्रित,पतित्यक्ता,वृद्ध महिला और पुरूषों का खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में है। सरकार पेंशन की राशि खाते में जमा करती है। मनरेगा मजदूरी भी खाते में जमा होती है। लेकिन हम लोगों को आज तक एक रूपया भी नहीं मिला है। जिसके कारण हम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। पैसा मांगने पर बैंक अधिकारी कहता है कि खाते से रूपया निकाल लिया गया है।

                     जिला प्रशासन को ग्रामीणों ने बताया कि गांव के एक एजेन्ट ने जीना मुश्किल कर दिया है। एजेन्ट डूमन प्रसाद पाटले का बैंक अधिकारी से सांठ गांठ है। डूमन पाटले ने एटीएम कार्ड और पिन नम्बर अपने पास जब्त कर लिया है। जब भी एटीएम मांगने जाते हैं तो वह गाली गलौच कर भगा देता है। कहता है जो करना हो कर लो। लेकिन एटीएम कार्ड और पिन नम्बर किसी को नहीं देगा। हम लोग जब बैंक पैसा निकालने जाते हैं तो बैंक अधिकारी कहता है कि डूमन ने खाते से पैसा निकाल लिया है।

खाता खोलते समय अधिक रूपए की मांग

                    ग्रामीणों के अनुसार डूमन पाटले सरपंच का रिश्तेदार है। कहता है कि यदि किसी ने शिकायत की तो पेंशन रूकवा देगा। डूमन गांव में घूम घूम कर पेंशन का खाता खोलता है। खाता खोलने के लिए निर्धारित राशि से अधिक रूपए लेता है। खाता खोलने के बाद एटीएम कार्ड जब्त कर लेता है। देवकिरारी गांव की विधवा शशि बाई ने बताया कि पति के खत्म होने के बाद उसका कोई सहारा नहीं था। डूमन ने बैंक में निराश्रित पेंशन योजना के लिए खाता खुलवा दिया। लेकिन आज तक एक रूपया भी नहीं मिला है। मनरेगा का भी पैसा डूमन ने बैंक से निकाल लिया है।

                 सत्तर साल से अधिक की उम्र पार कर चुकी शिरोमणि उपाध्याय,पियरिया,कांति बाई,कुंवर बाई ने बताया कि डूमन ने बैंक में हम लोगों का खाता तो खुलवाया दिया। लेकिन पावती नहीं दिया..और अब कहता है कि बैंक ने खाता बंद हो गया है। बैंक अधिकारी कहता है कि खाता जीवित है। लेकिन सारा रूपया डूमन बांटने के लिए निकाल लेता है।

बैंक अधिकारी से एजेन्ट की सांठगांठ 

                         ग्रामीण पेंशनधारी महिलाओं ने बताया कि डूमन खाता खुलवाते समय मीठी मीठी बात करता है। खाता खोलने के बाद ना तो एटीएम कार्ड देता है और ना ही पिन नम्बर। बैंक अधिकारी से उसकी सांठ गांठ है। आसानी से एटीएम कार्ड और पिन नम्बर ले लेता है। लेकिन किसी भी खाताधारक को एटीएम नहीं देता। जब भी एटीएम कार्ड मांगने जाते हैं तो मारपीट करने लगता है। कहता है जहां शिकायत करना है कर दो। मुझे किसी से डर नहीं लगता। पीडितों ने  जिला प्रशासन से एजेन्ट और बैंक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पेंशन भुगतान करने को कहा है।

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