नईदिल्ली।Priyanka Gandhi Vadra On Mid Day Meal In Schools: देश भर में सरकारी स्कूलों को लेकर आने वाले 95 फीसदी खबरें नकारात्मक ही होती हैं. कभी इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी का रोना रोया जाता है तो कभी बिना छत और बिल्डिंग के चल रहे स्कूल की आती हैं. इन खबरों में घटिया मिड डे मील खाकर बीमार पड़े बच्चों की खबरें भी आती रही हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के स्कूलों में दोपहर में परोसे जाने वाले मिड डे मील की तस्वीरें शेयर की हैं. इसमें साफ देखा जा सकता है कि पानी से लबालब दाल और कंकड वाले चावल बच्चों को खाने के लिए दिया जा रहा है. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
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प्रियंका गांधी ने कहा है कि बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इन स्कूलों और इनके बच्चों के प्रति पूरी तरह उदासीन है. उन्होंने कहा कि मिड डे मील का लक्ष्य था बच्चों को सम्मान के साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना लेकिन दोयम दर्जे की मिड डे मील की खबरें ही अक्सर आती रहती हैं. बता दें कि देश भर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने और स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए मिड डे मील योजना लागू की गई थी. इस योजना के तहत लंच ब्रेक में मिडिल स्कूल तक के सभी बच्चों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है.
आखिर क्यों मिड डे मील में होती रही हैं जानलेवा लापरवाहियां?
अभी हाल ही में (6 नवंबर 2019) कर्नाटक से यह खबर आई थी कि स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 60 बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकडो़ं और प्राप्त शिकायतों के हिसाब से तीन साल में मिड डे मील खाने से 900 बच्चे बीमार पड़ चुके हैं. सोचने की बात है कि आखिर इन स्कूलों में इतनी अंधेरगर्दी चल कैसे रही है. इसकी एकमात्र वजह है गरीबी. इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे बेहद गरीब परिवारों से आते हैं. जिनके मां-बाप अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का खर्च वहन नहीं कर सकते. ऐसे में इन बच्चों के साथ जिस गरिमापूर्ण तरीके से पेश आना चाहिए दुर्भाग्य से देश के अधिकांश जगहों पर नहीं आया जाता.
क्या कहा प्रियंका गांधी वाड्रा ने
उप्र से आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को दोयम दर्जे का मिड डे मील देने की खबरें आती हैं। मिड डे मील का उद्देश्य था बच्चों को सम्मान से पौष्टिक भोजन देना।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 11, 2019
लेकिन यूपी में बच्चों को कभी नमक रोटी, कभी पानी वाली दाल, कभी पानी वाला दूध दिया जाता है।
Photo Credit @sayantanbera pic.twitter.com/OZ6YLmOGG6
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इसका कारण है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का इन स्कूलों और बच्चों के प्रति उदासीनता
इसका मुख्य कारण है उप्र की भाजपा सरकार की सरकारी स्कूलों और इन बच्चों के प्रति उदासीनता।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 11, 2019