रंग पंचमी पर शब्दों की पिचकारीः सुधीर खंडेलवाल की कलम से बिलासपुर को पहचानिए….

Chief Editor
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होली के मौक़े पर बरसों पहले से ही दूसरे शहरों की तरह बिलासपुर में भी होलियाना और मज़ाकिया मूड में लोगों को उपाधियां ( टाइटिल ) से विभूषित करने की परंपरा रही है। आज़ के दोर में यह परंपरा भले ही गुम हो गई हो। लेकिन बिलासपुर के गोलबाज़ार में बरसों तक “होली की गोली” कमेटी के नाम से उपाधियाँ और चुटीली तुकबंदियां तैयार कर लोगों को गुगुदाने वाले सुधीर खंडेलवाल आज भी इस परंपरा को नहीं भूले हैं। इस बार भी उन्होने होली के मौक़े पर अपने ख़ास अँदाज़ में कुछ लिख़ा। जिसे हम उनके पास से उठा लाए और रंग पंचमी के मौक़े पर अपने पाठकों के लिए शेयर कर रहे हैं। हम निवेदन   के साथ यह उम्मीद भी करते है कि हमारे सुधी पाठक अपने नीर-क्षीर विवेक से इसका मतलब निकाल लेंगे औऱ होली है तो बुरा भी नहीं मानेंगे….।

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सुधीर खंडेलवाल का लिक्खाः-

होली पर भांग छानिए – बिलासपुर को पहचानिए

जो काल के गाल में समा गया वो “अज़ीत” है

जो जीतकर भी मंत्री न बन सका वो “धर्मज़ीत” है

“स्व. बी.आर”. यादव विश्वास बन गए

“श्रीधर मिश्रा” इतिहास बन गए

जो नगर को मरता देख़े वो “अमर” है

जो सब देख चुप रहे वो “वाणी” है

जो सबको चला रहा वो “अटल” है

जो ख़ुद दौड़कर औरों को दौड़ा रहा वो “शैलेश” है

ये कैसा राग है- बिलासपुर का भाग है

अटल सर्वत्र छाया है, शैलेश कुछ को भाया है

अरुण साव का भाव है, अनिल टाह बेभाव है

जहाँ रश्मि व्यस्त है, आशीष सिंह लस्त है

वहां विज़य केशरवानी व्यस्त है, विज़य पाण्डेय त्रस्त है

राजेश सिंह में ज़ोर है, रंगानादम का शोर है

महेश टाटा में शान है, शहज़ादी में ज़ान है

सुदीप श्रीवास्तव आँदोलनकारी है

अभयनारायण बेगारी है

अशोक अग्रवाल लाचारी है

राधे भूत होशियारी है

राकेश शर्मा संक्रामक है,राज़ेश पाण्डेय आक्रामक़ है

अशोक विधानी दूर है, किशोर राय बेनूर है

प्रमोद नायक बढ़ रहा है, पंकज़ सिंग चढ़ रहा है

रामदेव कुमावत ज्ञानी है, मनीष अग्रवाल बेमानी है

चीक़ा बाज़पेयी की चल रही है, शिवा मिश्रा क़ी ढ़ल रही है

रामशरण मेयर है, नज़रुद्दीन का शेयर

फ़िरोज़ कुरैशी- शेख़र मुदलियार सज़ावटी है

बेनी गुप्ता-रामअवतार दिख़ावटी है

ज़फ़र भाई बक़र है, अक़बर ख़ान ज़बर है

हरीष केडिया ज़ारी है, बज़रंग केडिया व्यापारी है

ब़ाक़ी लोग लाचारी हैं , मुफ़्त की सवारी हैं।।

           होली पर सवाल-ज़वाब

  1. आँदोलनज़ीव़ी सुदीप श्रीवास्तव दो चोटी क्यों नहीं रख़ते… क्या वे गंज़े हैं और कब़ तक  कुआँरे रहेंगे..?
  2.  महेश दुबे का उपनाम टाटा क्यों हैं.?
  3. राजेश पाण्डेय उधार लेकर किसका पैसा वापस किया है ?
  4. नजरुद्दीन छोटे और गुड्डा पाण्डेय बड़े कब होंगे.?
  5. ज़फ़र भाई कब़ चुप होते हैं और क्या ख़ाते हैं. ?
  6. बाबा राव का असली नाम क्या है. ?
  7. शैलेश पाण्डेय कांग्रेस विधायक हैं क्या….. और कौन सा पेस्ट करते हैं.?
  8. अशोक अग्रवाल और अनिल टाह से त्रस्त लोगों का इलाज़ क्या है और इनका भविष्य क्या है.?
  9. विजय  केशरवानी की दुनिया कैसी न्यारी …और उन्हे नहीं है क़ौन सी बीमारी.?
  10. अशोक विधानी और अशोक मिथुन में क्या रिश्ता है और वे कौन हैं.?
  11. शशि कोन्हेर ने नशा करना छोड़ दिया क्या..?  हाँ या नहीं में उत्तर दीज़िए .
  12. राकेश शर्मा कब और क्यों शरमाते हैं.?
  13. विजय पाण्डेय की दूरदृष्टि क्यों है और उनक़ी  चौड़ाई क्या है.?
  14. रामदेव कुमावत स्वदेशी या परदेशी … कहाँ के वासी हैं.?
  15. रामशरण यादव की शरण में कौन हैं और वे किसकी शरण में हैं.?
  16. मनीष अग्रवाल,विनोद सोनी                                                       , मनीष तिवारी क्या करते हैं और इनका रोज़गार क्या है.?
  17. रश्मि सिह,आनंद मिश्रा और  लाला भाभा को गुस्सा कब आता है.?
  18. डॉ. विवेक बाज़पेयी – चीक़ा काहे के डॉक्टर हैं.?
  19. अटल श्रीवास्तव नेता या कॉलोनाइज़र क्या हैं.?
  20. अभयनारायण राय अधिकाँश समय अपने घर या बाह़र … कहाँ रहते हैं ?
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