Pitra Paksh 2024-क्या पितृपक्ष में बहू-बेटी भी कर सकती हैं पिंडदान ? जानें क्या है नियम
Pitra Paksh 2024 17 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है। मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से पिंड अर्पित किए जाते हैं।
Pitra Paksh हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आरम्भ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस दौरान हिंदू परिवार अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं और उन्हें श्राद्ध अर्पित करते हैं। यह समय विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जिन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को खोया है। पितृ पक्ष के दौराव दिवंगत आत्मा का पिंडदान उन्हें मोक्ष की ओर ले जाता है।
आमतौर पर पिंडदान पुत्र द्वारा किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पुत्र ही अपने पिता और पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकता है। लेकिन, अब सवाल है कि क्या बहू या बेटी इस कार्य में शामिल हो सकती हैं?
Pitra Paksh 2024 कई विद्वान मानते हैं कि बहू और बेटी भी पिंडदान कर सकती हैं, विशेषकर जब परिवार में कोई पुत्र न हो। कई परिवारों में बहू या बेटी द्वारा पिंडदान करने की परंपरा भी देखी जा रही है।
यह माना जाता है कि वे भी अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट कर सकती हैं। धर्म के जानकार बताते हैं कि यदि परिवार में कोई पुत्र नहीं है, तो बहू या बेटी को पिंडदान करने का अधिकार है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि पिंडदान के दौरान उनके साथ उनके पति का होना जरूरी है। इसलिए, अगर आप बहू या बेटी हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देना चाहती हैं, तो पितृपक्ष आपके लिए एक उपयुक्त अवसर है।
बता दें कि पितृपक्ष के दौरान मृत परिजनों का पिंडदान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी इंसान के मृत्यु के बाद प्रेत योनी से बचाने के लिए पितृ तर्पण करना जरूरी है। कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के लिए किए गए तर्पण से उन्हें मुक्ति मिलती है और वह प्रेत योनी से मुक्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि अगर पूर्वजों का पिंडदान नहीं किया जाता है, तो पितरों की आत्मा दुखी और असंतुष्ट रहती है।