DA की पेंडिंग चार किश्तों का एलान करें प्रधानमंत्री, कर्मचारी संघ की चेतावनी : जिस प्रदेश में जाएंगे उनका विरोध किया जाएगा

Chief Editor
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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि अपने मंत्रिमण्डल के पुर्नगठन के पूर्व कार्मिक प्रबंधन विभाग भारत सरकार के अधिसूचना दिनांक 29 अप्रैल 2020 को वापस लेते हुए इस पत्र में 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 तथा 1 जनवरी 2021 के मंहगाई भत्ते के भुगतान पर कोरोना संक्रमण काल में प्रतिबंध लगाया गया है, उसे तत्काल हटाया जावे। क्योकि उक्त मंहगाई भत्ते के 03 किश्तों के भुगतान पर रोक के दौरान अब 1 जुलाई 2021 का भी मंहगाई भत्ता देय हो गया है। इस प्रकार केन्द्र सरकार के उक्त रोक  के कारण देश के सभी राज्यों के शाासकीय सेवकों को मंहगाई भत्ते से वंचित होना पड़ रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है।  संघ ने चेतावनी दी है कि यदि मंगलवार को आहूत केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् की बैठक में देश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों के लंबित 4 किश्त मंहगाई भत्ता के भुगतान की धोषणा व तदाशय के निर्देश केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमैया को नहीं दिया जाता है तो प्रधानमंत्री जिस राज्य में भी दौरे पर जावेगें, उनका विरोध करने का निर्णय अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों के द्वारा लिया जावेगा।     

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  संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि संध द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि प्रदेश सरकार शाासकीय सेवकों एवं पेंशनरों के लंबित मंहगाई भत्ता के 5 किश्त के भुगतान यथाशीध्र करें। इस हेतु पूरे प्रदेश में 1 जुलाई 2021 को समस्त जिला मुख्यालयों में भोजनावकाश में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल को संबोधित मांग पत्र कलेक्टरों के माध्यम से प्रेषित् किया गया है। किंतु मंहगाई भत्ते के 05 किश्तों में से 04 किश्तों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार है। जिन्होने 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक के 3 किश्तों के भुगतान पर रोक लगाई है। अब जब केन्द्रीय कर्मचारियों के चौथे किश्त जो 1 जुलाई 2021 से देय है, उसे मिलाकर कुल 4 किश्त केन्द्रीय कर्मचारियों का लंबित है। केन्द्रीय कर्मचारी बड़े भाई है, उनके मिलने के बाद ही छोट भाई राज्य सरकार के कर्मचारियों को मिलता है। हमारे पूर्वजों ने केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों को राम लक्ष्मण की जोड़ी बनाकर रखा है। इसके विपरित मंहगाई भत्ता रोकने वाली केन्द्र सरकार मंहगाई को रोाकने में पूर्णतः विफल है। प्रतिदिन बढ़ते डीजल, पेट्रोल, खाद्य तेल के मूल्यों में हो रही वृद्वि से मंहगाई भी निरंतर बढ़ रही है। जिसका दुष्परिणाम शासकीय सेवकों व पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है। आज ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने पेट्रोल व डीजल के मूल्यों ने धी के मूल्य को भी पीेछे छोड़ देने की बात की है। केन्द्र व राज्य के द्वारा मंहगाई रोकने में कोई रूचि न लेने व मंहगाई बढ़ाने में पूर्ण रूचि लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने से प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रूपये आर्थिक क्षति कर्मचारियों को हो रही है।

सभी राज्य प्रमुखों से संध के प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, पीएचई.संयोजक विमल चन्द्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, संजय झड़बड़े, डाॅ. अरूंधति परिहार, रामचंद्र ताण्डी, मनोहर लोचनम्, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, रविराज पिल्ले, राजू मुदलियार, कुंदन साहू एस.पी.यदु प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, दिनेश मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, विजय डागा, ए.जे.नायक, शेखर सिंह ठाकुर, नवनियुक्त संगठन सचिव कृष्णकांत मिश्रा, टार्जन गुप्ता, प्रवीण ढिढवंशी सहित पेंशनर्स समिति के संयोजक एच.पी.साहू, शालिक सिंह ठाकुर, शेख जुम्मन, के.व्ही.आयंगर, चेतन भारती आदि नेताओं ने अपील की है कि यदि केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् द्वारा आज मंहगाई भत्ते की धोषणा नहीं की जाती है, तो देश के जिस राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्त मंत्री श्रीमती सीता रमैया दौरा करेगें उस राज्य में उनका विरोध किया जाएगा ।

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