दिल्ली।रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया।पीएम मोदी ने कहा कि दशहरा एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है आज, आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है । अभी, आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं, जैसे ईद, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा, गुरु नानक देव जी की जयंती है – ऐसे समय में हमें संयम से ही काम लेना है ।श्री मोदी ने कहा कि इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो #VocalForLocal का अपना संकल्प अवश्य याद रखें, बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है
लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना जिनके बिना हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल है- सफाई कर्मचारी, सब्जी वाले, दूध वाले, सुरक्षा गार्ड, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने ये भली-भांति महसूस किया है। मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो, इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिये, परिवार के सदस्य की तरह करिये, फिर आप देखिए आपकी खुशियाँ कितनी बढ़ जाती हैं।उन्होने कहा कि हमें अपने उन जाबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं, भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं, हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है, मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं, हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है– मैं ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूँ । आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की प्रशंसक हो रही है, जैसे एक उदाहरण खादी है, लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन खादी आज, पर्यावरण के अनुकूल कपड़े के रूप में जानी जा रही है।उन्होने कहा कि आज दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है, मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका(Oaxaca)’ , इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है, आज यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध है । जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है, जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है, हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है, जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है, हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। आज, ‘मन की बात’ में, मैं आपका परिचय तमिलनाडु के तुतुकुड़ी के रहने वाले पोन मरियप्पन से कराऊँगा, जो hair cutting के पेशे से जुड़े हैं और एक सैलून चलाते हैं, उन्होंने सैलून के एक हिस्से को पुस्तकालय बना दिया है ।प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे, उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया। मध्य प्रदेश के सिंगरौली की शिक्षिका, उषा दुबे ने तो स्कूटी को मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया, वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं .