बिलासपुर—जिस दिन महिलाएं समग्र रूप से जागरूक हो जाएंगी…अपराध और अपराधियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। समाज के केन्द्र में महिलाओं को अहम् स्थान हासिल है। महिलाएं ठान लें तो मुश्किल से मुश्किल काम आसान हो जाता है। समाज की मुख्य धारा से भटके लोगों आसानी से मुख्यधारा में शामिल किया जा सकता है। यह बातें तखतपुर में आयजित एक दिवसीय कार्यशाला में एडिश्नल एसपी अर्चना झा ने कही।
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आम जनता को सुरक्षित सतर्क और जागरूक करने के लिए तखतपुर थाना क्षेत्र में एक दिवसीय सतर्कता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वाथ्य मितानिन,कोटवार समेत क्षेत्र के आलाधिकारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडिश्नल एसपी अर्चना झा ने बताया कि विकास के साथ अपराध के तौर तरीकों में बदलाव आया है। जैसे जैसे टेक्नालाजी का विकास हो रहा है अपराध के तौर तरीके बदल रहे हैं।
अपने संबोधन में एडिश्नल एसपी झा ने कहा कि अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए समाज के सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अपराध पर नियंत्रण की पहली सीढी सतर्कता को माना जाता है। कौन कब खुली आंख से काजल चुरा ले जाए..पता नहीं चलता । लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। अर्चना ने कहा कि धन जानमाल की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी है। लेकिन जिम्मेदारी के निर्वहन में आम जनता की भागीदारी सबसे अहम है।
ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, कोटवारों और मितानिनों को अर्चना ने बताया कि पिछले कुछ सालों से एटीएम फ्राड अपराध में बृद्धि हुई है। चारो तरफ साइबर क्राइम की खबरे हैं। चिटफंड कम्पनियां भोले भाले ग्रामीणों को लूट रही हैं। इसका अंदाजा हमें लुट जाने के बाद होता है। यदि थोड़ी सी सतर्क हो जाएं तो तमामा अनहोनियों से बचा जा सकता है।
अपराध के तौर तरीक़ों और सुरक्षित रहने के उपायों पर अर्चना झा ने उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी दी। यातायात नियमो का पालन करने को भी कहा। उन्होने कहा कि लोग चंद रूपयों और अपनी जिद के कारण हेलमेट से परहेज करते हैं। ऐसा करना उचित नहीं है। घटना के समय हेलमेट की अहमियत का अहसास होता है। एक्सिडेन्ट से बचे हेलमेट पहनने वालों से मिलकर इसके महत्व को समझा जा सकता है।
थोड़ी सी जागरूकता और हेलमेट के प्रयोग से अनमोल जिन्दगी को जोखिम से बचाया जा सकता है। एडिश्नल एसपी ने उपस्थित लोगों को शराब पीकर वाहन चालने और दुष्परिणामों की जानकारी दी। कानूनी पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। जरूरी मोबाइल नम्बरों को नोट कराया। फ़ेसबुक से जुड़कर पुलिस से संवाद करने की भी बात कही।
एक दिवसीय कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अर्चना झा के अलावा,एसडीओपी कोटा विश्वदीपक त्रिपाठी और थाना प्रभारी तखतपुर विशेष रूप से मौजूद थे।
कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं के साथ अर्चना झा ने संवाद किया। सवालों का जवाब दिया।इस दौरान ग्रामीणों को शॉर्ट मूवीज़ और पीपीटी के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया किया ।