सैकड़ों एकड़ जमीन पर भू-माफियों का अतिक्रमण. राजस्व विभाग की मिली-भगत उजागर..दबंग कांग्रेस नेता ने हड़पा 3 एकड़ जमीन..तहसीलदार का बयान..पटवारी से नहीं मिल रहा सहयोग

BHASKAR MISHRA
5 Min Read
बिलासपुर—-ग्राम पंचायत उर्तुम की सरकारी जमीन पर बड़ी संख्या में लोगो ने अवैध कब्जा कर खेत,मकान और प्लाट बना लिया है। कुछ बांकी जमीन पर रातों रात पेड़ काटकर दिन के उजाले में मिट्टी की ढेरी लगाकर कब्जा किया जा रहा है। 
 
                  जानकारी देते चलें कि उर्तुम पंचायत की तत्कालीन सरपंच आशा गौराहा ने सरकारी जमीन से बेजाकब्जा धारियों को हटाने को उच्च न्यायालय में वाद दायर किया। आशा गौराहा की याचिका पर सुनवाई करते हुए 26 जून 2014 को माना कि  उर्तुम की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है। लेकिन हल्का पटवारी सुरेश शर्मा का कहना है कि यहां कोई सरकारी जमीन पर कोई कब्जा ही नहीं हुआ है।
 
                    मामले में बिलासपुर अतिरिक्त तहसीलदार ऋचा सिंह ने जानकारी मांगने पर बताया कि सरकारी जमीन की दुबारा जांच कराएंगे। तहसीलदार के बयान के बाद जागरूक लोगों ने बताया कि जमीन माफियों को राजस्व विभाग का खुला समर्थन है। यही कारण है कि पटवारी को सरकारी जमीन नहीं दिखाई दिया। और अब तहसीलदार अतिक्रमणकारियों के प्रति हमदर्दी रखते हुए फिर से जांच की बात कह रही है। यह जानते हुए भी कि  हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि उर्तुम स्थित सैकडों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। यों है यह समझ से परे है।
 
पटवारी को कुछ नजर नही आया
 
उर्तुम के 150 एकड़ सरकारी भूमि पर हरे-भरे पेंड काटकर बेजाकब्जा की खबर प्रकाशन के बाद अतिरिक्त तहसीलदार ने पटवारी सुरेश शर्मा को बुधवार को मौका जांच करने भेजा। लेकिन पटवारी को मौके पर ना तो पेड़ों के कटे हुए ठूंठ नजर आया । और ना ही सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा ही दिखायी दिया। अतिक्रमण नही होने का पंचनामा  तैयार कर पटवारी ने रिपोर्ट  अतिरिक्त तहसीलदार को सौंप दिया।
 
राजस्व विभाग और सरपंच की भूमिका संदिग्ध
 
उर्तुम की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मामले में राजस्व विभाग की ही तरह ग्राम पंचायत की महिला सरपंच पुष्पा केंवट की भी भूमिका संदिग्ध है। पहले तो उन्होने 19 नवम्बर 2020 को पंचायत के लेटरपेड में खसरा नम्बर 282,283,284 और 530/1 की 90 एकड़ सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा होना बताया। और अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर कलेक्टर को पत्र भी लिखा। बुधवार को मौके का जांच करने पहुचे पटवारी के साथ मिलीभगत कर मौके पर बेजाकब्जा होने से इंकार किया। मजेदार बात है कि सरपंच ने पटवारी के पंचनामा रिपोर्ट में हस्ताक्षर भी किया है। 
 
94 डिसमिल खरीद…3 एकड़ पर कब्जा
 
            शहर कांग्रेस के बिल्डर नेता की नजर उर्तुम की सरकारी जमीन पर है। और सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा कर निर्माण भी शुरू कर दिय ाहै। ग्रामीणों ने बताया कि कांग्रेस नेता  अपने आदमियों के नाम पर 94-94 डिसमिल खेत की जमीन खरीदा। इसके बाद सामने की पूरी सरकारी जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग कर मकान बना लिया है। शिकायत के बाद पूर्व में पटवारी ने नाप जोंख कर बताया कि कांग्रेस नेता ने सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा किया है। चूंकि कांग्रेस नेता पहले भी ग्राम पंचायत का सरपंच रह चुका है। और इस समय प्रदेश में उसकी सरकार है। मुंह खोलने वालों को नेतागिरी वाला धमकी देता है। इसके चलते ना केवल डरते हैं। बल्कि राजस्व अमला भी बेजा कब्जा हटाए जाने का आदेश देने से बचता है।
 
ग्रामीणों ने कहा अब मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत
 
उर्तुम के ग्रामीणों ने बताया कि गांव की सरकारी जमीन से बेजा कब्जा हटवाने पिछले 8 वर्षों से कोर्ट और राजस्व विभाग का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कार्यवाही नही हो रही है। जो भी जमीन नापने आता है वह कांग्रेस बिल्डर का भक्त हो जाता है। अब सीएम भूपेश बघेल से शिकायत करेंगे। पूरे गांव वाले जाकर बेजाकब्जा हटाने की गुहार लगाएंगे।
 
पटवारी सहयोग नहीं कर रहा– ऋचा सिंह
                      मामले में अतिरिक्त तहसीलदार ऋचा सिंह ने बताया कि पंचायत जांच में पटवारी का सहयोग नही मिल रहा है। जमीन की जांच दुबारा कराएंगे। जबकि पटवारी सुरेश शर्मा का कहना है गांव में ना ही कोई पेड़ काटी गई है और ना ही कही बेजाकब्जा हुआ है।
close