कलेक्टर की दो टूक,मोबाइल क्लास में न ले जाए,अप डाउन न करें,हर ब्लॉक में 10-10 प्राइमरी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल

Shri Mi
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जांजगीर चाम्पा/कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज जिले के सभी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक लेकर अध्ययन-अध्यापन में सुधार लाते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराकर जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी प्राचार्यों को योग्य और अनुभवी बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की जिम्मेदारी आप पर भी है। आप भलीभांति जानते हैं कि कैसे विद्यार्थियों को प्रतिभावन बनाया जाए। आप उन्हें पहचानते हैं, इसलिए उन्हें तराश कर आगे बढ़ाइये। किसी से भेदभाव न करिए। अपने बच्चों की तरह समान व्यवहार करते हुए कमजोर विद्यार्थी की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करिए। किसी भी विद्यार्थी की सफलता ही आपकी उपलब्धि है।

जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक लेते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि शासन-प्रशासन स्तर पर रोडमैप बनाकर अधोसंरचना विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के साथ सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में भी इस दिशा में प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति मांगी जाएगी। कलेक्टर ने जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ नई संभावनाएं होने की बात कहते हुए प्राचार्यों को भविष्य निर्माता बताया। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सर्वप्रथम समय पर प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक होने की बात कही। कलेक्टर ने पहले की तुलना में सुविधाए बढ़ी है, व्यवस्थाएं बदली है, इस लिहाज से शिक्षा का स्तर भी बदलना चाहिए। आज के बच्चे बहुत भावुक और संवेदनशील भी हो गए हैं।

उन्हें अध्यापन के साथ सही परामर्श और प्रोत्साहन की जरूरत है। स्कूल में एक माता-पिता की तरह एक समान व्यवहार करिये। किसी से पक्षपात करना या प्रायोगिक परीक्षाओं में जानबूझकर कम नंबर देना यह अच्छे शिक्षक की पहचान नहीं है। प्राचार्य या शिक्षक विद्यार्थियों के आदर्श होते हैं, इसलिए आप अपनी क्षमता को पहचानिये, अपने आदर्शों और गरिमा को नुकसान पहुचे ऐसा कोई काम न करिये। कलेक्टर ने सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत प्रदान की जाने वाली राशि का सदुपयोग करने और प्राचार्यों को अपने स्कूल में प्रशासनिक कसावट लाते हुए समय पर स्कूल का संचालन के निर्देश दिए।

कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम ने स्कूलों में कार्यालय, मध्यान्ह भोजन, स्कूल के लिए बाजार से क्रय की जाने वाली सामग्रियों को सी-मार्ट से खरीदी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को सी-मार्ट में विक्रय किया जाता है। आवश्यकता अनुसार ऐसे सामग्रियों की खरीदी बाजार से न करके सी-मार्ट से की जाए। उन्होंने प्राचार्यों को स्कूल में होने वाले निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने और गुणवत्ता पर भी ध्यान देने कहा।

अध्यापन के साथ अन्य गतिविधियां भी कराए
      कलेक्टर ने सभी स्कूलों में प्राचार्यों को निर्देशित किया कि अध्यापन के अलावा विद्यार्थियों में अन्य कौशल को बढ़ाने की दिशा में ध्यान दिया जाना चाहिए। स्कूल में वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, निबंध, भाषण, चित्रकला और खेलकूद जैसी गतिविधयां संचालित की जाए। इससे विद्यार्थियों में एक अलग व्यक्तित्व विकास और प्रतिभा विकसित होती है। उन्होंने प्रायोगिक कार्यों को भी स्कूलों में सम्पन्न कराने के निर्देश दिए।

मोबाइल क्लास में न ले जाए, अप डाउन न करें
     कलेक्टर ने कहा कि शिक्षकों द्वारा क्लास रूम में मोबाइल ले जाकर बात करने, गेम खेलने की शिकायत मिलती रहती है। अनेक शिक्षक समय पर स्कूल इसलिए नहीं पहुच पाते हैं कि वे दूरस्थ क्षेत्र से आना-जाना करते हैं। इससे विद्यार्थियों का नुकसान होता है। उन्होंने प्राचार्यों से भी कक्षाएं लेने और क्लास रूम में मोबाइल न ले जाने की बात कहते हुए स्टाफ कक्ष में मोबाइल रखकर क्लास लेने जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आने वाले दिनों में स्कूलों का निरीक्षण करने की बात कही और अप-डाउन करने वाले समय पर स्कूल नहीं पहुचने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की हिदायत दी है।

हर ब्लॉक में 10-10 प्राइमरी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल
     कलेक्टर ने सभी प्राचार्यों को शिक्षा व्यवस्था सुधारने के निर्देश देते हुए प्रशासनिक स्तर पर अधोसंरचना विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सौ से अधिक स्कूलों में 105 अतिरिक्त कक्ष बनाने की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्दी ही कार्य प्रारंभ कर दिए जायेंगे। इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर 10-10 प्राथमिक शालाओं को अपग्रेड करने और मॉडल बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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