बिहार (Bihar) के अररिया में एक प्रिंसिपल (principal) ने अपने पेशे को शर्मसार कर दिया है. आरोप है कि प्रिंसिपल ने स्कूल में पढ़ने वाली 14 साल की नाबालिग छात्रा (Minor Girl rapped By Principal) को ब्लैकमेल कर उसके साथ 3 महीने तक रेप किया है. प्रिंसिपल पीड़िता को कभी मिड डे मील तो कभी ड्रेस के पैसे देने के बहाने बुलाता था. पीड़ित छात्रा प्रिसिंपल को मना भी नहीं कर सकती थी क्योंकि आरोपी ने छात्रा के साथ पहली बार रेप करने के बाद ही उसकी नंगी तस्वीरें ले ली थी और उन तस्वीरों को वायरल करने की धमकी देकर ही वो उसके साथ लगातार रेप करता रहा.
इस दौरान पीड़ित छात्रा 2 महीने की प्रेग्नेंट भी हो गई है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब गांव के कुछ लोगों ने प्रिंसिपल को पीड़ित छात्रा के साथ रंगे हाथ पकड़ा. इस घटना के सामने आने के बाद छात्रा के पिता ने महिला थाना में केस दर्ज कराया है. पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल रोशन जमीर को गिरफ्तार भी कर लिया है.
पिता ने रंगे हाथों पकड़ा प्रिंसिपल को
29 तारीख को पीड़िता के पिता को स्कूल के प्रिंसिपल रोशन जमीर ने फोन कर कहा कि स्कूल में मिड डे मील का सूखा राशन छात्राओं को दिया जा रहा है. तो वो भी अपनी बेटी को राशन लेने के लिए भेज दें. जिसके बाद छात्रा जब स्कूल सूखा राशन लेने के लिए पहुंची. तो आरोपी प्रिंसिपल पीड़िता को लेकर छत पर चला गया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा. एक स्थानीय व्यक्ति ज्ञानदीप शर्मा ने प्रिंसिपल को ऐसा करते देख लिया.ज्ञानदीप ने फौरन इस बात की जानकारी लड़की के पिता को दी. इसके बाद छात्रा के पिता अपने भाइयों और गांव के लोगों के साथ स्कूल परिसर पहुंचे तो प्रिंसिपल को गलत काम करते रंगे हाथों पकड़ लिया.
छात्रा ने बताया ब्लैकमेल कर रहा था प्रिंसिपल
इस घटना के बाद जब घरवालों ने पीड़िता से पूछताछ की तो उसने बताया कि तीन महीने पहले ड्रेस और राशन का लालच देकर उसने उसके साथ रेप किया था और उसकी फोटों क्लिक कर ली थी, जिसके बाद वो लगातार तस्वीर वायरल कर देने की धमकी देते हुए उसके साथ रेप कर रहा था. नाबालिग छात्रा दो महीने की प्रेग्नेंट भी है.
पंचायत ने दिया था पिता को पुलिस में जाने का निर्देश
पिता ने इस मामले की जानकारी गांव के मुखिया और सरपंच को दी. इसके बाद मामले को पंचायत में सुलझाने की कवायद शुरू हो गई. मामले को लेकर सरपंच और मुखिया द्वारा पंचायती भी बुलाई गई, लेकिन मुखिया सरपंच की ओर से बुलाए गई पंचायत में आरोपी प्रिंसिपल नहीं पहुंचा और लगातार टालमटोल करता रहा. इसके बाद पंचों की ओर से पीड़ित परिवार को पुलिस की मदद लेने का निर्देश दिया गया और फिर मामले को महिला थाना में केस दर्ज किया गया.