प्राचार्य की हठधर्मिताःअधिकारियों के आदेश को मानने से इंकार..प्रवेश फार्म के लिए भटक रहे नौनिहाल..समन्वयक ने बताया..करेंगे शिकायत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों जो करें..सो थोड़ा..हमेशा चर्चा में रहने वाला विभाग एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मामला कुछ नया है। अब प्राचार्य ने अपने अधिकारी के आदेश को ही मानने से इंकार कर दिया है। प्राचार्य की हठधर्मिता के चलते नौनिहाल बच्चों के सामने अब अंधेरा दिखाई देने लगा है। 
    
             शिक्षा विभाग में कारनामों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। कभी अनुकम्पा में तो कभी ट्रांसफर या फिर पोस्टिंग को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाला विभाग का अब एक नया कारनामा सामने आया है। इस बार मामला प्राचार्य की हठधर्मिता और बच्चों के उज्जवल भविष्य पर छा रहे अंधेरा का है। बावजूद इसके विभाग मामले को लेकर गंभीर भी नही है।
 
    ताजा मामला  शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय चाटीडीह का है। शहर की निम्न आय  बसाहट वाले क्षेत्र स्थित उच्यतर माध्यमिक विद्यालय में छत्तीसगढ़ शासन ने ओपन स्कूल का अध्ययन केंद्र बनाया है। सचिव छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल ने बाकायदा केन्द्र के लिए 12 नवम्बर को आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय चाटीडीह  अध्ययन केंद्र क्रमांक 1428 को आरम्भ किया जाना है। इसके अलावा शासन ने दो अन्य केंद्रों को आरम्भ करने को भी कहा है। बावजूद इसके प्राचार्य शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय चाटीडीह ने आदेश मानने से इंकार कर दिया है। इसके चलते ओपन परीक्षा का फार्म भी वितरित नहीं किया जा रहा है। जबकि बच्चे रोजाना फार्म खरीदने पहुंच रहे हैं। बावजूद इसके प्राचार्य अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रहे है। जबकि वर्तमान सत्र के लिए ओपन स्कूल प्रवेश की अंतिम तारीख 30 नवम्बर है। लेकिन अब तक एक फार्म भी वितरित नहीं किया गया है।
 
                             जानकारी देते चलें कि छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल मुख्य रूप से ऐसे लोगों के लिए शुरू किया गया है जिनकी या आर्थिक स्थिति खराब है..या फिर किन्ही कारणों से स्कूल से दूर चले गए हैं। ऐसे लोगो के लिए ही शासन ने ओपन स्कूल शिक्षा प्रारम्भ किया है। ओपन स्कूल में ज्यादातर ऐसे लोग फार्म भरते हैं जिन्हें काम काज के चलते चाहते हुए स्कूल के लिए फुरसत नहीं है। और वह पढ़ना भी चाहते हैं।
 
             इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि ओपन स्कूल पढ़ाई पूर्ण करने का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। इसी वजह से शासन ने शहर की निम्न आय वर्ग की बहुलता वाले क्षेत्र चाटीडीह में ओपन स्कूल केंद्र बनाया है।
 
                  ओपन स्कूल का अध्ययन केंद्र प्रारम्भ करने के पहले बाकायदा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्रस्ताव मंगवाया जाता हैं।  अनुमोदन छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की प्रबंध कार्यकारणी समिति जिसमे प्रदेश के शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव करते हैं। अनुमोदन के बाद ही नवीन अध्ययन केंद्र प्रारंभ किया जाता हैं। 
 
       इन सबके बाद भी शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय चाटीडीह प्राचार्य ने अध्ययन केंद्र प्रारम्भ नहीं करने का फैसला किया है। प्राचार्य की हठ धर्मिता के चलते बच्चे परेशान है। रोजाना फार्म लेने आते तो हैं..लेकिन मायूस होकर लौट जाते हैं।
 
              मामले में छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के संभागीय समन्वय केंद्र रानी लक्ष्मी बाई शासकीय कन्या विद्यालय से सम्पर्क किया गया। समन्वयक ने बताया कि शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय चाटीडीह को नवीन अध्ययन केंद्र बनाए जाने संबंधी आदेश बहुत दिनों से आ चुका है। पार्चार्य को भी अवगत कराया गया है। केंद्र के लिए प्रवेश फार्म भी आ गए हैं। लेकिन  आज दिन तक विद्यालय के प्राचार्य ने प्रवेश फार्म नही उठाया है। निश्चित रूप से यह गंभीर मामला है। वस्तुस्थिति से आलाधिकारियों को अवगत कराएंगे। बच्चों के जीवन के साथ किसी को खिलवाड नहीं करने देंगे।

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