प्राध्यापक का सनसनीखेज आरोप..साथियों नें लंच बाक्स में मिलाया ज़हर..पुलिस कप्तान से शिकायत .बताया.35 दिनों तक किया जिन्दगी मौत से संघर्ष

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— मस्तूरी शासकीय पातालेश्वर महाविद्यालय के प्रोफेसर ने साथी प्राध्यापकों पर जान से मारने का प्रयास का आरोप लगाया है। पुलिस कप्तान से मिलकर प्राध्यापक ने लिखित शिकायत में बताया कि महाविद्यालय के कर्मचारी और अधिकारियों ने साजिश के तहत मौका पैकर लंच बाक्स में जहर मिलाया। तबीयत बिगडने के बाद अपोलो में भर्ती हुआ। 35 दिनों की इलाज के बाद अपोलो से ठीक होकर बाहर आया है। अभी भी उसके जान को खतरा है।
 
                  मस्तूरी स्थित पातालेश्वर महाविद्यालय के प्राध्यापक एल के निराला ने कालेज के साथियों पर उसके लंच बाक्स में जहर मिलाने का आरोप लगाया है। अपनी लिखित शिकायत में प्राध्यापक निराला ने पुलिस कप्तान को लिखित शिकायत में बताया कि सीपत रोड स्थित मोपका में का रहने वाला हूं। और दिव्यांग भी हू। हमेशा की तरह 17 फरवरी को भी घर से लंच बाक्स और पानी लेकर कालेज गया।करीब 12 बजे के आसपास अपने कमरे में लंच में दो रोटी खाया। इसके बाद अपने लैबोटरी सहायक बृजेश कुमार कोरी के साथ काम में व्यस्त हो गया। 
 
          पुलिस कप्तान को अपनी शिकायत मे प्राध्यापक निराला ने बताया कि लंच के कुछ देर बाद खुद को असहज महसूस किया। और परेशानी भी बढ़ती गयी। परेशानियों के बीच शाम को ड्यूटी खत्म कर घर आया और सीधे बिस्तर पर चला गया। परेशानी बढ़ने पर परिजनों को स्थित के बारे में बताया। आनन फानन में उनको अपोलो हास्पिटल में भर्ती कराया गया।
 
             गंभीर हालत देखते ही चिकित्सकों ने सीधे आईसीयू में भर्ती किया। जांच पडताल के बाद डाक्टर ने बताया कि भोजन के साथ उन्होने जहर का सेवन किया है। क्योंकि भोजन में जहर पाया गया है। करीब 35 दिनों तक अपोलो में इलाज चला। प्रोफेसर ने पुलिस कप्तान को बताया कि अपोलो से रीलिव होने के बाद शिकायत करने आया हूं। उन्हें जान का खतरा है। ना जाने लंच में किसने जहर मिलाया। मामले की जांच किया जाए।
 
 लंच बाक्स में किसी ने मिलाया ज़हर
 
           प्रोफेसर केएल निराला ने आरोप लगाया है कि कालेज में ही किसी ने मौका मिलते ही लंच बाक्स में जहर मिलाया है। निराला के अनुसार पिछले दो साल से उन्हें कालेज के कर्मचारी और अधिकारी प्रताड़ित कर रहे हैं। चूंकि वह पैर से दिव्यांग हैं। जिसके चलते चलने में परेशानी होती है। जब कभी कालेज पहुंचने में देरी होती है तो सीनियर एक ही दिन में तीन तीन तीन कारण बताओ नोटिस जारी कर देते हैं। कालेज के अधिकारियों के व्यवहार से परेशान हैं। जिसके चलते वह मानसिक रूप से बहुत परेशान हो चुका है।
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