बिलासपुर— सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और नर्सिंग एक्ट के निर्देशों का पालन नहीं कराए जाने को लेकर हाईकोर्ट ने शासन को जवाब पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट ने सक्ति में नर्सिंग एक्ट के निर्देशों के खिलाफ संचालति हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट अधिवक्ता अली असगर के माध्यम से सक्ति निवासी भगतराम शर्मा की याचिका पर शासन को तलब किया है। वकील रोहित शर्मा के माध्यम से भगतराम शर्मा ने हाईकोर्ट को जनहित याचिका पेश कर बताया कि सक्ती में बीएएमएस डॉक्टर के माध्यम से स्पर्श हॉस्पिटल संचालन किया जा रहा है। हास्पिटल में सभी तरह का इलाज एलोपैथी के माध्यम से किया जा रहा है।
अली असग़र कोर्ट को जानकारी दी कि ऐसा किया जाना सुपीम कोर्ट और छतीसगढ उच्च न्यायालय के आदेश के साथ कानून के खिलाफ है। हॉस्पिटल में छतीसगढ नसिग होम अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है। पहले भी छतीसगढ उच्च न्यायालय ने झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने सम्बन्धी आदेश पारित किया है। बावजूद इसके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और राज्य शासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लेकर आम जनता की जिन्दगी को खतरे में डाला जा रहा है।
कोर्ट को असगर अली ने बताया कि नियम विरूद्ध खुल रहे हाॅसिपटल और राज्य में बढती झोला छाप डॉक्टर की प्रैक्टिस को रोकने के सम्बन्ध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए कोर्ट से जिम्मेदार लोगों को सख्त निर्देश जारी किए जाने की जरूरत है।
मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस पंशात मिश्रा और गौतम चोरडिया की डबल बैंच ने शासन को जवाब पेश करने आदेश जारी किया है।