नईदिल्ली-फ्रांस के साथ राफेल विमान खरीदने की डील पर जारी घमासान के बीच बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की राफेल रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई. लंबे समय से राफेल डील पर जारी घमासान के बीच पेश किए गए कैग रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन वाली राफेल डील से भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की डील 2.86 प्रतिशत सस्ती है. राफेल डील पर कैग की 141 पेज वाली रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद राज्यसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा किया. जिसके कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है. सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
यूपीए के समय में हुए 126 राफेल विमानों के डील के मुकाबले एनडीए सरकार की 36 राफेल डील की पहली खेप तय समय से पांच महीने पहले भारत आएगा. रिपोर्ट में बताया गया कि पहले 18 राफेल विमानों का डिलीवरी शेड्यूल उस शेड्यूल से पांच महीने बेहतर है, जो 126 विमानों के लिए किए गए सौदे में प्रस्तावित था.’
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राज्यसभा में पेश की गई भारतीय वायुसेना में कैपिटल एक्विज़िशन्स पर CAG रिपोर्ट में 16 पन्नों में राफेल सौदे के बारे में जानकारी दी गई है.कैग रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया दी. अपनी प्रतिक्रिया में अरूण जेटली ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने महाझूठगठबंधन के चेहरे को बेनकाब कर दिया है. राफेल डील पर राज्यसभा में पेश हुई CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, 126 विमानों के सौदे की तुलना में, भारत 36 राफेल विमानों की खरीद में 17.08 प्रतिशत पैसा बचाने में कामयाब रहा. बताया जा रहा है कि राफेल डील सितंबर 2019 से दिसंबर 2022 के बीच भारत आएगा.