रेलवे जोन में अरबों का बिजली घोटाला…एक्टविस्ट ने कहा…मुफ्तखोर अधिकारियों की हो सीबीआई जांच…पीएम को भी लिखा पत्र

BHASKAR MISHRA
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IMG20171005124131 बिलासपुर—सेवानिवृत रेलवे कर्मचारी और खुद को समाजसेवी बताने वाले अवनीन्द्र कुमार सिंह ने बिलासपुर रेलवे जोन और अालाधिकारियों पर करोड़ों रूपए का बिजली घोटाला करने का आरोप लगाया है। अवनीन्द्र कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि रेलवे कर्मचारी और अधिकारी संगठित रूप से अपराध और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। नियम और निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। रेलवे अधिकारी ना केवल मुनाफाखोर बल्कि कामचोर और बिजली चोर भी हैं। सभी अधिकारी अपने खाते से एक रूपए सालों साल नहीं खर्च करते। लेकिन उनका परिवार सारी जिन्दगी सुख सुविधाओं में गुजारता है। मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। भ्रष्ट रेलवे तंत्र के खिलाफ जांच को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
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                         रेलवे से स्वैच्छिक सेवानिवृत कर्मचारी ने बिलासपुर रेलवे जोन सिस्टम और अधिकारियों पर बिजलीचोरी का आरोप लगाया है। अवनीश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि रेलवे के आलाधिकारी मुनाफाखोर के साथ कामचोर भी हैं। जोन और मंडल के सभी अधिकारी, कर्मचारी सालों साल से रेलवे को करोड़ों अरबों का चूना लगा रहे हैं। शासन की सुविधाओं का बेजा फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

                                              अवनीन्द्र के अनुसार रेलवे में सारे रूल रेगुलेशन चतुर्थ और पंचम वर्ग के कर्मचारियों के लिए है। अधिकारियों के लिए रेलवे तंत्र चारागाह बनकर रह गया है। पत्रकारों को प्रमाणिक दस्तावेज देते हुए अवनीन्द्र ने बताया कि बिलासपुर जोन के अधिकारी और कर्मचारी देश को हर महीने अरबों का चूना लगा रहे हैं। जोन के अधिकारी सामूहिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे हैं। अवनीन्द्र के अनुसार रेलवे के सभी अधिकारियों के घरों में दो से लेकर सात एसी लगे हैं। गीजर समेत कई प्रकार के भारी भरकम उपकरण का प्रयोग किया जाता है। लेकिन मीटर की रीडिंग नहीं होती है। जो बिल आता है उसका भुगतान अधिकारियों के तनख्वाह से नहीं बल्कि सरकार के खजाने से भरा जाता है। खर्चा दूसरा बता दिया जाता है।

             अवनीन्द्र कुमार के अनुसार आरटीआई से जानकारी मिली है कि सभी अधिकारियों के वेतन से प्रतिमाह पांच सौ रूपए बिजली बिल काटा जाना है। लेकिन अाज तक किसी अधिकारी के वेतन से पांच सौ रूपए नहीं काटा गया। जबकि बिल प्रतिमाह तीन से चार हजार रूपए आते हैं। सारा भुगतान रेलवे प्रशासन के खजाने से होता है।

सरकारी बिजली की चोरी

                              अवनीन्द्र ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों के बंगले में स्ट्रीट लाइट से बिजली जलती है। इससे यह जाहिर होता है कि बंगले में जलने वाले बिजली का भुगतान रेलवे की तरफ से किया जाता है। क्योंकि रेल प्रशासन भी मानता है कि स्ट्रीट लाइट का बिल इतना ही है। उसे नहीं मालूम कि स्ट्रीट लाइट के साथ अधिकारियों के बंगले भी रोशन होते हैं। जबकि सभी बंगले में स्ट्रीट लाइट से कनेक्शन है। इसे आज भी देखा जा सकता है। जबकि ऐसा करना दण्डनीय अपराध है।

अधिकारियों की सेवा में सरकारी कर्मचारीIMG20171005125432

               रेल मंत्रालय अधिकारियों को भारी भरकम पेमेन्ट दिया जाता है। बावजूद इसके अन्य विभागों के छोटे कर्मचारियों से अधिकारी लोग घर की सेवा लेते हैं। मजदूरी का भुगतान बतौर तनख्याह रेल विभाग से दिया जाता है। जबकि रेलवे बोर्ड अध्यक्ष लोहानी का आदेश है कि कोई भी अधिकारी नीजि कार्य शासकीय सेवक नहीं ले सकता है। बावजूद इसके आदेश को दरकिनार कर छोटे कर्मचारियों का शोषण और शासन को चूना लगाया जा रहा है। जबकि प्रावधान है कि यदि कोई अधिकारी आदेश का उल्लंघन करता है तो सेवक कर्मचारी का भुगतान अधिकारी के वेतन से किया जाएगा।

सरकारी वाहनों का निजी उपयोग

                       अवनीन्द्र ने बताया कि रेलवे के छोटे बड़े सभी अधिकारी सरकारी वाहनों का उपयोग निजी काम में करते हैं। रिश्तेदारों,परिचितों की सेवा में हमेशा गाड़ियों का उपयोग किया जाता है। यहां तक कि अधिकारी अपने रिश्तेदारों को सरकारी गाड़ी से सैर सपाटा करवाते हैं।

सीबीआई जांच की मांग

                    पत्रकारों को बिजली चोरी के जरूरी प्रमाण को पेश करते हुए बताया कि मैने शासन को अवगत कराया है कि जोन में सालाना अरबों रूपए का बिजली घोटाला हो रहा है। यहां तक की साग सब्जी ..राशन पानी..सभी कुछ मुप्त में अधिकारियों की सेवा में है। अरबों रूपए के घोटाला को उजागर करने सीबीआई जांच जरूरी है। इसलिए प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है।

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