रक्षामंच ने बंगाल की स्थिति पर जताई चिंता.. राष्ट्रपति,राज्यपाल को दिया ज्ञापन..बताया.. विपक्षी नेताओं समेत आमजन का जीना हुआ मुश्किल..महिलाओं के साथ हो रहा अत्याचार

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

बिलासपुर—लोकतंत्र रक्षामंच के बैनर तले पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संगठन के लोगों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है। रक्षामंच के पदाधिकारियों ने बताया कि बंगाल इस समय अतिवादियों के आतंक से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। राज्य के कोने कोने से हिंसा,लूट पाट और हत्याओं की खबर आ रही है। इस पर ना केवल अंकुश लगाया जाना जरूरी है। बल्कि पीड़ितों को न्याय और दोषियों को सख्त से सख्त दिया जाना जरूरी है। रक्षा मंच के पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में सत्ता और सत्ताधारी दल की भूमिका अहम है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                             लोकतंत्र रक्षामंच के बैनर तले कई संगठन के लोगों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति और प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन दिया है। पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से बंगाल की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। पदाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को दिए ज्ञापन पत्र में बताया है कि महीने पहले सप्ताह में देश के चार राज्य और एक केन्द्रशासित प्रदेश में चुनाव कराया गया। चुनाव के बाद अन्य राज्यों में स्थिति सामान्य देखने को मिली। जबकि पश्चिमी बंगाल में हिंसा का तांडव देखने को मिला।

             पदाधिकारियों ने नाराजगी के साथ रोष जाहिर करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के इशारे पर बंगाल में हिंसा को बढ़ावा दिया गया। साथ ही संविधान की अवहेलना की गयी है। मीडिया रिपोर्ट और अन्य स्रोत से हासिल जानकारी के अनुसार हिंसा में सत्ता की संलिप्तता सामने आ रही है।

            डॉ.प्रफुल्ल शर्मा और धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि भारत लोकतांत्रिक देश है। दुनिया में भारत के संविधान को सम्मान की नजर से देखा जाता है। चुनाव के दौरान संविधान के निर्देशों का पालन करते हुए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लेकिन परिणाम आने के बाद अन्य राज्यों के विपरीत पश्चिम बंगाल में हिंसा की वारदात बढ़ गयी। जानकारी के अनुसार गैर दलों से सम्बन्ध रखने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता निशाना बनाने लगे। इस दौरान सत्ता पक्ष के ईशारे पर विपक्षी दल के नेताओं पर जानलेवा हमला भी किया जा रहा है।

            प्रफुल्ल और धीरेन्द्र ने बताया कि पश्चिमी बंगाल के हालात को लेकर पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल ने भी चिंता जाहिर की है। बावजूद इसके सरकार के नेता विपक्ष और आम नागरिकों के साथ हिंसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

         पदाधिकारियों ने बताया कि ममला बनर्जी को हराने वाले भाजपा नेता शुभेन्द्र अधिकारी के कार पर हमला किया गया। इसी तरह जमालपुर में हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। विपक्ष के नेता गोवर्धनदास के घर को घेरा गया। मनिकोटा में विपक्षी कार्यकर्ता को मौत के घाट उतारा गया। वर्धमान में स्थानीय कार्यकर्ताओं के भाजपा कार्यालय पर बम फेंका गया। बोलपुर में गणेश घोष की संपत्ति को नुकसान पहुचाया गया। बताया जा रहा है कि बताए गए वारदात के अलावा बंगाल के अन्य क्षेत्रों में हुए हिंसा के लिए केवल और केवल सत्ताधारी दल के लोग जिम्मेदार हैं।

                      महिलाओं के साथ दुष्कर्म और मारपीट के साथ हत्या की शिकायत बंगाल से लगातार आ रही है। राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि संविधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए पश्चिम बंगाल में लोगों की जानमाल की सुरक्षा की जाए। साथ ही चिन्हित कर निशाना बनाए जाने वालों की स्थिति को गंभीरता से लिया जाए। साथ ही भाईचारे की भावना को बरकरार रखने हर संवैधानिक कद उठाया जाए।

             राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन डॉ प्रफुल्ल शर्मा के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान ,प्रदीप देशपांडे , प्रदीप शर्मा ,दिलीप शर्मा, धीरेन्द्र दुबे , गणपति रायल ,राजीव अग्रवाल , प्रकाश सिंह , उचित शुद , संचय भट्ट , डॉ ललित माखीजा , विशाल पाहुवा समेत विभिन्न समाज के लोग मौजूद थे।

 
close