रायपुर।राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि 18वी सदी के महान समाज सुधारक, गुरू बाबा घासीदास ने सत्य और अहिंसा पर आधारित अपने जीवन दर्शन के माध्यम से देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की एक नई पहचान बनाई है।कोविन्द सोमवार दोपहर गुरू बाबाघासीदास की जन्म स्थली और तपोभूमि गिरौदपुरी धाम में दो करोड़ 25 लाख रूपए की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन के भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की।बता दे कि राष्ट्रपति के रूप में श्री कोविन्द छत्तीसगढ़ के प्रथम प्रवास पर कल दोपहर रायपुर पहुंचे थे। गिरौदपुरी धाम में भी राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली यात्रा थी।सामुदायिक भवन के भूमिपूजन समारोह में विशाल जनसभा को राष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए कहा कि गिरौदपुरी धाम एक पवित्र तीर्थ है, जो हमें गुरू बाबा घासीदास के महान आदर्शाें की याद दिलाता है।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
राष्ट्रपति ने कहा कि जब कभी समाज में निराशा बढ़ती है, तो उसे सही रास्ता दिखाने के लिए गुरू बाबा घासीदास जैसे महान संतों का अवतरण होता है।राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज से लगभग 200 वर्ष पहले गुरू बाबा घासीदास ने समाज सुधार के लिए जन-जागरण का जो ऐतिहासिक कार्य किया, वह अपने आप में एक प्रेरणादायक मिसाल है। गुरू बाबा ने सम्पूर्ण मानव समाज के कल्याण के लिए कार्य किया। सभी धर्मोें में उनके अनुयायी है।
यह भी पढे- शिक्षाकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट का सहारा,हरियाणा में समान कार्य पर समान वेतन,संघ नेता संजय ने कहा प्रदेश सरकार को भी देना होगा
राष्ट्रपति ने कहा कि गुरू घासीदास जी ने मानव जीवन में नैतिकता और सादगी पर विशेष रूप से जोर दिया था। उन्होंने तत्कालीन समाज में महिलाओं को सम्मानजनक स्थान दिलाने और विधवा विवाह को प्रोत्साहन देने का भी सराहनीय प्रयास किया। राष्ट्रपति ने गिरौदपुरी धाम में हर साल फागुन में आयोजित होने वाले गुरूदर्शन मेले का भी जिक्र किया। श्री कोविन्द ने कहा- गुरूबाबा घासीदास के आकर्षण और आशीर्वाद से मैं यहां राष्ट्रपति बनने के पहले बिहार के राज्यपाल के रूप में भी आया था। मैं यहां रात में भी रूका था। राष्ट्रपति बनने के बाद गिरौदपुरी धाम की यह मेरी पहली यात्रा है। मैं यहां राष्ट्रपति के रूप में नहीं बल्कि एक श्रद्धालु के रूप में बाबा का आशीर्वाद लेने आया हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में संचालित गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का मैं कुलाधिपति भी हूं। इसलिए आगे भी मुझे कई बार गिरौदपुरी आने-जाने का अवसर मिलेगा। राष्ट्रपति ने गिरौदपुरी धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा के विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी तारीफ की। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए छत्तीसगढ़ी भाषा में जय जोहार कहकर जनता का अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि गिरौदपुरी धाम में राष्ट्रपति श्री कोविन्द के आगमन से लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। जनता ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के 17 वर्षों की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए कहा – छत्तीसगढ़ संत महात्माओं की धरती है। गुरू बाबा घासीदास जैसे महान संतों के आशीर्वाद से राज्य तरक्की और खुशहाली के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति श्री कोविन्द को भी गुरू बाबा घासीदास का आशीर्वाद मिला है। वे पिछली बार जब गिरौदपुरी आए थे, तो बिहार के राज्यपाल थे। आज देश के राष्ट्रपति हैं।मुख्यमंत्री ने श्री कोविन्द को छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की ओर से बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. सिंह ने समारोह मंे पंथी नृत्य प्रस्तुत करने वाले नर्तक दलों को पन्द्रह-पन्द्रह हजार रूपए का स्वेच्छानुदान देने की भी घोषणा की।