Rashan Card: केंद्र सरकार हर महीने देश के गरीबों को मुफ्त में राशन देती है. नरेंद्र मोदी सरकार बीपीएल और अन्य श्रेणी के राशन कार्ड धारक गरीब लोगों को सरकार की तरफ से ये गैहूं दिया जाता है. सरकार MSP न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गैहूं खरीदती है. इसके बाद इसे अपने गोदामों में रखती है. और सभी राज्यों की सरकारों को जरुरत के हिसाब से बांटती है. ताकि उन राज्यों के गरीबों को बांटा जाए. लेकिन अब केंद्र सरकार ने जो नया फैसला लिया है. जिसका आपको मिलने वाले गैहूं पर सीधा असर पड़ेगा.
मुफ्त राशन में नहीं मिलेगा गैहूं
राशन कार्ड धारक पात्र लोगों के लिए बुरी खबर ये है कि अब केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को गैहूं नहीं देने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि पहले जिन गरीब लोगों को हर महीने 3 किलो गैहूं और 2 किलो चावल मिलता था. अब ऐसे सभी लोगों को गैहूं नहीं मिलेगा. राशन कार्ड धारक सभी लोगों को 5 किलो चावल ही दिए जाएंगे. मतलब ये हुआ कि पहले भी 5 किलो राशन मिलता था. अब भी 5 किलो राशन मिलेगा. लेकिन फर्क ये आया है कि पहले 5 किलो राशन में 3 किलो गैहूं और 2 किग्रा. चावल होते थे. अब पूरे 5 किलोग्राम चावल ही होंगे.
सरकार ने ये फैसला क्यों लिया ?
इस बार रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में गैहूं की डिमांड तेजी से बढ़ी है. लिहाजा भारत में गैहूं की किमतों में तेजी आई. गैहूं के भाव बढ़े तो किसानों ने मंडियों की बजाय बाजार में गैहूं बेचना शुरु किया जहां उन्हैं अच्छे भाव मिल रहे थे. इसका सरकार पर ये असर हुआ कि सरकार गैहूं खरीद का टारगेट पूरा नहीं कर पाई. इसी बीच दुनिया के कई देशों में गैहूं का संकट आया तो भारत सरकार ने उन देशों की मदद के लिए गैहूं एक्सपोर्ट भी किया. लिहाजा वक्त के साथ सरकार के स्टोरेज किए हुए गैहूं भंडार में कमी आने लगी. तो सरकार ने सबसे पहले निर्यात पर रोक लगा दी. निर्यात पर रोक लगाने के बाद अब सरकार ने राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन में इस महीने गैहूं की बजाय चावल बांटने का फैसला लिया है.