पढ़िए- योग से कैसे होती है चित्त की शुद्धि..? सुनीता यादव ने बताया – योग का रहस्य ..!

Chief Editor
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बिलासपुर। “दीनदयाल विरुद संभारी…. हरहु नाथ मम संकट भारी….” रामायण की चौपाई की इन लाइनों की तर्ज पर कुछ व्यवस्थित… कुछ अव्यवस्थित शहर के “ दीनदयाल ” उद्यान में सुबह की सैर और  शाम को टहलने वालों का आना जाना लगा रहता है। इसी चहल-पहल के बीच एक युवती सब बातों से बेखबर…. शाम को उद्यान में पहुंचती है और योगासन शुरू कर देती है। उसे किसी की चिंता नहीं….. किसी बात की फिक्र नहीं… वह बस अपने काम में मशगूल ही रहती है। योगासन के प्रति उसके लग्न को लोग देखते हैं चेहरों पर हल्की मुस्कुराहट आती है और फिर वह आगे निकल जाते हैं।

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हम कई दिनों से उन्हें देख रहे थे… और जब रहा नहीं गया तो बातचीत शुरू की। शहर के महाराणा प्रताप चौक एरिया की रहने वाली सुनीता यादव स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने योग में डिप्लोमा किया है। सुनीता ने बताया कि उसने आत्मशांति और तथा मोक्ष की प्राप्ति के लिए योग का मार्ग अपनाया हुआ है और भविष्य में वह योग शिक्षक बनना चाहती है । आइए देखते हैं कि उन्होंने बातचीत में क्या कहा…

प्रश्न –  योग क्या है.. ?

उत्तर –  चित्त की वृत्ति का निरोग रहना ही योग है। सरल शब्दों में इंसान प्रकृति से योग ही योग है।

प्रश्न –  क्या आप चाहती हैं कि लोग आपको देखकर योग के प्रति इंस्पायर हों ?

उत्तरः  मैं चाहती हूं लोग इंस्पायर हों  और उस दिशा में चल कर निरोगी बने ।  योग में सात्विक भोजन को महत्व देना होगा  । तभी योग का फल मिलेगा। तकलीफ की बात यह है कि हमारे देश में योग के प्रति बहुत जागरूकता नहीं है। योग 2 शब्दों का जोड़ है । यह दो संवेदनाएं, दो चित्त का जोड़ है।

प्रश्न –  योग और आसन में अंतर क्या है…?  उत्तर-  योग लक्ष्य है और आसन उसकी सीढ़ी है ।आसन से शरीर के तनाव को महसूस किया जा सकता है।  सुनीता ने बताया कि पहले वह काफी तनाव में रहती थी और चिड़चिड़ाहट होती थी । लेकिन योग ने उनके चित्त को शांत कर दिया है…।

प्रश्न –  योग शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई और योग का उद्भव कैसे हुआ… ?  

उत्तर –  योग की उत्पत्ति युज़ संस्कृत शब्द से हुई है । इसका अर्थ है जुड़ना मिलना ….। योग का जन्मदाता देश भारत है। इसका इतिहास 300 वर्षों से भी पुराना है।

प्रश्न –  क्या आसन और योग से रोग ठीक होते हैं…  ?

उत्तर –  निश्चित रूप से आसन तथा योग इंसान के शरीर का शुद्धिकरण कर देता है। जिससे रोग दूर होते हैं। विभिन्न रोगों के लिए आसन तथा योग्य है। एकाग्रता जरूरी है।

( जैसा सुनीता यादव ने वरिष्ठ पत्रकार   अशोक दीक्षित को बताया )

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