पढें..कौन है आदमखोर शेर का शिकार करने वाला जाबाज रेंजर..नन्दकुमार बघेल ने जिन्हें किया याद..शेर ने जिसे बनाया था निशाना..आज भी है प्रमाण

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—- अचानक मार की नैसर्गिक सुंदरता की बीच स्थित बिन्दावल ग्राम के पास गुरूवार को मतदाता जागृति मंच के बैनर तले विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से मुख्यमत्री भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल ने शिरकत किया। इस दौरान बघेल ने जाबाज रेंजर खोखर और वन विभाग के तात्कालीन सबसे छोटे कर्मचारी पायर वाचर मैकू गोंड को याद किया। बघेल ने दोनों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। 
 
             बताते चलें कि देश को आजाद हुए अभी दो साल ही होने जा रहे थे।  तात्कालीन समय कोटा रेंज का अचानकमार जंगल आज से भी ज्यादा घना और खतरनाक हुआ करता था। अचानकमार स्थित गांव बिन्दावल निवासी की नियुक्ति वन विभाग में फायर वाचर के रूप मे थी। हमेशा की तरफ बहादुर मैकू अपने काम को करता। साथ ही लोगों को वन्य जीवों से सुरक्षित रखता। ठीक उसी समय काल में कोटा रेंज में एम खोखर रेंजर पद पर नियुक्त हुआ करते थे।
 
       बिन्दावल गांव से करीब दो किलोमीटर दूर सड़क किनारे मैकू की समाधि स्थल है। जब मैकू अपना कर्तव्य निभा रहा था। 10 अपेराल 1949 की शाम को आदमखोर शेर ने हमला किया। और संघर्ष में मैकू की मौत हो गयी। आज वहां पर लोगों ने मैकू के याद में एक मठ बना दिया है। मैकू के मौत की जानकारी रेंजर एम डब्लू खोखर को हुई। रेंजर अफसर खोखर ने यहीं पर 13 अप्रैल 1949 को आदमखोर शेर को ढेर किया। इसका भी जिक्र आज भी मौके पर एक शिलालेख में है।
 
              गुरूवार को दोनो बहादुरों की याद में बिन्दावल के उसी स्थल पर जहां मैकू और शेर की मौत हुई। और खोखर ने आदमखोर शेर को ढेर किया था…मतदाता जागृत मंच ने कार्यक्रम का आयोजन किया। मुख्यअतिथि नन्द कुमार बघेल ने मौके पर पहुंचकर मैकू और बहादुर रेंजर खोखर को याद किया। श्रद्धासुमन भी अर्पित किया।
       
           इसके अलावा स्वर्गीय खोखर के 8 साल के प्रपौत्र अदीम ने श्रद्धा के साथ अपने पूर्वज को याद किया।
 
                  इस दौरान नन्दकुमार बघेल ने बिन्दावल ग्राम के आदिवासियों की सभा को संबोधित किया। आदिवासियों की पीड़ा और मांग को गंभीरता से सुना। बिन्दावल के सरपंच राम अवतार जायसवाल ने इस दौरान गांव से विस्थापन से पैदा होनी वाली समस्याओं को बघेल के सामने रखा। सरपंच ने अपनी मांग मे कहा कि गांव को विस्थापन की पीड़ा से बचाया जाए। जायसवाल ने यह भी कहा कि विस्थापन के एलान के बाद गांव में बुनियादी सुविधाओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए जब तक विस्थापन नहीं होता है कम से कम गांववासियों को बुनियादी सुविधा दी जाए।
 
          अपने संबोधन में मुख्य अतिथि नन्दकुमार बघेल ने कहा कि ग्रामीणों के लिए यहां एक विश्वविद्यालय और बुद्धमंगल भवन बनवाने की माग करूगा। इस अवसर पर मतदाता जागृति मंच की महिला मंच प्रदेशाध्यक्ष,सायमा खान खोखर, अतहर अली सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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