आनलाइन ठग नेक्सस का खुलासा..2 आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार.. फौजियों के नाम धोखाधड़ी का आरोप

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—–बिलासपुर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए ओएलएक्स के नाम पर फ्रॉड करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी भरतपुर राजस्थान के रहने वाले हैं। पकड़े गए दोनों आरोपी नकली आर्मी बनकर लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल के अलावा घटना में बैंक खाता बुक,एटीएम, नगदी रकम
बरामद किया है।
 
                                       पुलिस कप्तान ने बुधवार को पत्रकार वर्ता में बड़ी कार्रवाई का खुलासा किया है। पुलिस कप्तान ने बताया कि थाना सिटी कोतवाली में प्रार्थिया ने पोर्ट दर्ज कराई थी कि कि वह ओएलएक्स में पलंग बिक्री के लिए डिटेल पोस्ट की थी। इसके बाद अज्ञात मोबाइल नंबर 6259015453 से 95428 76661 पर कॉल कर आरोपी ने भुगतान के संबंध में गूगल पे नंबर मांगा। प्रार्थिया के पास गूगल पे नंबर नहीं होने पर अपने रिश्तेदार का गूगल पे नंबर दिया । आरोपी ने भुगतान करने का झांसा देकर प्रार्थिया और उसके रिश्तेदार से  गूगल पे नंबर पर सारी डिटेल आहरण संबंधी डलवाया। सारी जानकारी के बाद उसने 55000 रूपए खाता से निकाला। मामले में थाना सिटी कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध है। 
 
                  पुलिस कप्तान ने बताया कि थाना सरकंडा में भी इसी प्रकार का एक मामला एक वरिष्ठ नागरिक ने दर्ज कराया है। वरिष्ठ नागरिक ने ओएलएक्स पर एक्टिवा गाड़ी का विज्ञापन देखकर गाड़ी बेचने वाले के मोबाइल नंबर 82090 38681 में संपर्क किया। वाहन बेचने वाले ने अपने आप को माना कैंप में फौज में होना बताया। उसने प्रार्थी से लेन देन का मैसेज आदान प्रदान किया। सौदा तय होने पर प्रार्थी ने आरोपी को बताएं मोबाइल नंबर पर पहली बार 25000 और दूसरी बार एलाउंसेस के नाम पर कुल 45990 रुपए पेटीएम में ट्रांसफर किया।
 
                               पुलिस कप्तान ने जानकारी दी कि प्रार्थी ने पुलिस के पेटीएम नंबर 6393480452 बताया। छानबीन के दौरान जानकारी मिली कि यह नम्बर किसी सुधीर बेरिया के नाम पर था। 
 
तैयार की गयी टीम
 
               प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि बिलासपुर जिले में इस तरीके से किए गए साइबर अपराध को गंभीरता से लेते हुए राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर सख्त कार्रवाई और छानबीन का निर्देश दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेंश कश्यप और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संजय ध्रुव ने नोडल अधिकारी साईबर सेल निमेश बरैया और नगर पुलिस अधीक्षक निमिषा पाण्डेय को तत्काल आरोपियों के गिरफ्तारी का सख्त निर्देश दिया। विशेष संयुक्त टीम का गठन किया गया। साईबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान और थाना प्रभारी सरकण्डा निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लिया। साईबर सेल के उप निरीक्षक अजय वारे की अगुवाई में उप निरीक्षक जागेश्वर राठिया और अन्य संयुक्त थाना स्टाफ के साथ टीम को  राजस्थान भेजा गया।
 
                संयुक्त टीम राजस्थान पहुंचकर 11 दिनों तक कैम्प कर वहां की भौगोलिक परिस्थितियों और परिधानो का जायजा लिया। टीम ने राजस्थान के भरतपुर पुलिस के साथ समय-समय पर वेशभूषा बदलकर दिन और रात अलग अलग समय मे रेकी की। आरोपी की पहचान की गयी। अंत में भरतपुर और बिलासपुर की पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से रेड कार्रवाई कर दोनों आरोपियों को धर दबोचा। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया। पूछताछ के बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है।
 
           पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के दौरान पूुरी कार्रवाई में उपनिरीक्षक प्रभाकर तिवारी ,उपनिरीक्षक अजय वारे उपनिरीक्षक जागेश्वर राठिया ,प्रधान आरक्षक संतोष लोधी, प्रधान आरक्षक विकास सेंगर प्रधान आरक्षक धनेश साहू प्रधान आरक्षक निर्मल ठाकुर आर. राकेश बंजारे,सोनू पाल,गोवर्धन शर्मा ,अविनाश पांडेय ने भाग लिया।
 
पकड़े गए आरोपियों के नाम
 
          पुलिस कप्तान ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी राजस्थान में भरतपुर जिले के रहने वाले हैं। रुख़मीन पिता रहमान उम्र 28 वर्ष रेलवे कॉलोनी कसबानगर का रहने वाला है। जबकि दूसरा आरोपी मोहम्मद जाबिर पिता अब्दुल रशीद  उम्र 30 वर्षलोहेसर थाना क्षेत्र के कामा का निवासी है। आरोपियों के पास से टना में उपयोग किए गए मोबाइल, बैंक खाता बुक,एटीएम, नगदी रकम को जब्त किया गया है।
 
जांच परख करे भुगतान
 
                       इस दौरान पुलिस ने कप्तान ने मीडिया के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि ओएलएक्स में सामान खरीदते समय कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है। अपराधी फर्जी आर्मी जवान, अर्धसैनिक बल/पुलिस के जवान बनकर सस्ते में कार मोटरसायकल, कार, मोबाईल,  अन्य सामान बेचने का लालच देते हैं। आर्मी जवान की फोटो और सस्ता बिकता सामान देख लालच में आकर लोग ठगी का शिकार होते हैं।
 
                     कोई भी वाहन, मोबाईल, अन्य सामान खरीदते और बेचते समय सावधानी बरते।
 वाहन, मोबाईल, अन्य सामान पसंद आने पर तत्काल भुगतान न करें। एडवांस रकम के नाम पर धोखाधडी हो सकती है।सुरक्षाकर्मी के पहचान पत्र के नाम पर ठगी की जा रही है। तत्काल विश्वास न करें। सुरक्षाकर्मी के फोटो का भी उपयोग वाटसअप नंबर में ठग कर रहे हैं। इसलिए उनके नंबर का भी जांच पडताल करने के बाद ही खरीदी, बिक्री करें। ओएलएक्स पर लामान खरीदते समय रकम का भुगतान किसी लिंक पर क्लिक, आनलाईन पेमंट न करे।1, 10 रूपए भूगतान के नाम पर लिंक, क्यू.आर कोड भेजकर आप के साथ ठगी हो सकती है। ऑनलाइन सामान खरीदते समय कैश आन डिलीवरी विकल्प का ही उपयोग करें। 
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