राजस्व मंत्री ने डॉ.रमन पर साधा निशाना..कहा जनता को याद है झीरम,ताड़मेटला..हिड़मा का पत्र नहीं पढ़ा..कलेक्टर लेंगे लाकडाउन का फैसला

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह को बयान देने से पहले सोच कर मुंह खोलना चाहिए।उन्हें अपने कार्यकाल को भी याद करना चाहिए। नक्सली हमला निश्चित रूप से  दुखद है। और मुख्यमंत्री ने उतनी तत्परता से उचित कदम उठाया भी है। लेकिन उन्हें क्या पता नहीं है कि आसाम चुनाव में शामिल नेताओं का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित है। उनकी भी पा्र्टी के नेता भी तो चुनाव प्रचार में थे। फिर यह कहना उचित नहीं कि सीएम राज्य को छोड़कर चुनाव में जुटे हैं..वापस नहीं आए। यह बातें बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कही।

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              राजस्व मंत्री ने बताया कि नक्सली हमला के समय सीएम असाम में थे। खबर मिलते ही तत्काल रायपुर पहुंचे। उन्होने  जितना तेज और ठोस कदम उठाया..शायद ही  मुख्यमंत्री रहते हुए रमन सिंह ने ऐसा किया होगा। क्योंकि प्रदेश की जनता उनके पन्द्रह साल के कार्यकाल और नक्सली घटनाओं को अभी भूली नहीं है।

              राजस्व मंत्री ने कहा..असाम से लौटने के बाद सीएम ने तत्काल एयरपोर्ट में ही अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के साथ उच्च स्तरीय बैठक किया। बैठक में मुझे भी बुलाया गया। इस दौरान सीएम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सार्थक कदम उठाने की बात कही। कुछ नीतिगत और रणनीतिक गतिविधियों पर भी चर्चा हुई।

                राजस्व मंत्री ने कहा सीएम और उन्होने रायपुर में अलग अलग अस्पतालों में भर्ती घायल जवानों से मुलाकात भी किया। प्रदेश के मुखिया ने बताया कि जवानों की शहादत को भुलाएंगे नहीं। बल्कि अभियान को तेज कर जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। 

                  अजय चन्द्राकर धरमलाल कौशिक के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि इन्हें यही सलाह है कि बोलने से पहले सोच लिया करें। आखिर उन्होने पन्द्रह साल में किया क्या। जब नक्सली बैक फुट पर हैं तो अनाप शनाप बयान देने से बाज नहीं आ रहे है। उन्हें बताना चाहिए कि पन्द्रह सालों में बड़ी ब़ड़ी नक्सली घटनाओं के जिम्मेदार कौन है। विकास क्यों नहीं हुआ। राज्य में रहते हुए भी घटना के समय वह कहां थे। ताड़मेटला जैसी घटना उन्ही के कार्यकाल में हुई। लेकिन इन सब बातों से दूर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिन रात एक कर ना केवल जवानों के बीच पहुंचे। बल्कि एक एक गतिविधियों पर नजर रखा। प्रभारी मंत्री होने के नाते खुद बीजापुर का दौरा किया। ना केवल जवानों के साथ खड़ा होने का मौका मिला। बल्कि सीएम का संदेश दिया।

              राजस्व मंत्री ने कहा ताड़मेटला लोगों को अभी भी याद है। झीरम काण्ड के बाद रमन सिंह कहां थे। उन्हें बताना चाहिए। हमें अपने जवानों की चिन्ता है। इसलिए हम लगातार उनके सम्पर्क में है। जल्द ही नक्सल और नक्सलियों को लेकर ठोस कदम उठाया जाएगा।

            हिड़मा ने पत्र के माध्यम से सरकार को खुली चुनौती दी है। सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा हमने अभी पत्र नहीं देखा है। इसलिए कहना कुछ मुश्किल है। गुप्तचर संस्थाओं की नजर जरूर पड़ी होगी।

            क्या रायपुर की तरह बिलासपुर में भी लाकडाउन लगाया जाएगा। जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कल्केटर को हालात के अनुसार निर्णय लेने का आदेश दिया है। हालात के अनुसार कलेक्टर निर्णय से अवगत कराएंगे। कोरबा में आयोजित बैठक में भाग लूंगा। हालात से रूबरू हुंगा। कोरबा में भी लाकड़ाउन को लेकर कलेक्टर का निर्णय अंतिम होगा।

                  राजस्व मंत्री ने बताया कि लोगों को शासन के दिशा निर्देश का पालन करना होगा। लाकडाउन अस्थायी विकल्प है। जरूरत पड़ने पर घर से निकले । टीका लगवाएं.. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें। ताकी कोरोना का चैन ब्रेक हो सके।                                   

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