
रिजवी ने कहा है कि फिल्म रीलिज तारीख बढ़ाने के साथ ही राजपूत समाज के जिम्मेदार समाजिक प्रतिनिधियों और इतिहासकारो के साथ बैठक बुलाकर फिल्म को दिखाया जाना चाहिए। इसके बाद लोगों के विचारों को सुना जाए। राजपूत समाज के मान सम्मान और विश्वास का खयाल रखा चाहिए।
रिजवी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि रानी पद्ममावती का इतिहास जिसने भी पढ़ा है वह काबिले तारीख और गर्व करने वाला है। रिजवी ने कहा है कि रानी पद्मावती पर बनी फिल्म को फिल्माए जाने के पहले निर्माता और सेंसर बोर्ड को फिल्म की पठकथा पर राजपूत समाज के वरिष्ठ और जिम्मेदार लोगों से सलाह मशविरा करना चाहिए था। यदि ऐसा किया गया होता तो किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न नहीं होती।
रिजवी के अनुसार रानी पद्मावती पर बनी फिल्म की विषय वस्तु संवेदशील है। विषय पर एक सर्वसम्मत निर्णय सभी पक्षों के बीच स्थापित हो जाये इसके बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाना चाहिए। किसी भी ऐतिहासिक और समाजिक विषय या प्रख्यात हस्ती पर आधारित तत्व को उजागार करने से पहले नैतिक मापदण्डो से उत्पन्न होने वाले प्रभाव का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
रानी पद्मावती का जीवन, चरित्र एवं अजमत महिला जगत के लिए हर युग में आदर्श और प्रासंगिक रहेगा। वैसे भी इतिहास,रीतिरिवाज, मान सम्मान के साथ खिलवाड़ और गलत बयानी कोई भी समाज, धर्म, जाति कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
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