“आज लोग जिस चीज को कम समझ पा रहे हैं वह यह है कि पत्नी की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को नष्ट कर दिया। मां ने उस आज्ञाकारिता का उदाहरण नहीं दिया, जिस पर वह अब भी जोर देने की कोशिश कर रही हैं …। अनुशासन के माध्यम से आदमी को उसके आसन से नीचे लाने में पत्नी और मां ने खुद को वंचित कर दिया।”
शनिवार को हुई सीबीएसई बोर्ड की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी के पेपर में एक कॉम्प्रिहेंशन पैसेज का यह अंतिम पैराग्राफ में लिखा था, जिसने महिलाओं के लिए “पीछे जाने” और आक्रामक होने के लिए आलोचना की गई है। सीबीएसई बोर्ड के अनुसार, यह पैसेज उसके अंग्रेजी प्रश्न पत्रों के एक सेट में था। इसको लेकर हंगामा मच गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस पेपर को ट्वीट करके पूछा कि “हम बच्चों को ये पढ़ा रहे हैं?”पैसेज सेक्शन ए या रीडिंग सेक्शन में था। पैसेज पर आधारित प्रश्नों में से एक यह है कि क्या लेखक “एक पुरुषवादी मानसिकता/एक अभिमानी व्यक्ति प्रतीत होता है?; ” जीवन के प्रति हल्का-फुल्का दृष्टिकोण”; “एक असंतुष्ट पति है”; या “उसके दिल में उसके परिवार का हित है।” बोर्ड की उत्तर कुंजी के मुताबिक, इसका सही जवाब “जीवन के प्रति हल्का-फुल्का दृष्टिकोण रखा है”।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर और इसके इमेज को रीट्वीट करते हुए लिखा: “अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह वाहियात चीजें सिखा रहे हैं? साफ तौर पर भाजपा सरकार महिलाओं पर इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ऐसी चीजें सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगी।
Unbelievable! Are we really teaching children this drivel?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 13, 2021
Clearly the BJP Government endorses these retrograde views on women, why else would they feature in the CBSE curriculum? @cbseindia29 @narendramodi?? pic.twitter.com/5NZyPUzWxz