अब खारंग नदी को माफियों ने बनाया निशाना.. ..खतरे में पुल..कलेक्टर,खनिज अधिकारी तक पहुंची शिकायत..ग्रामीणों को चोर दे रहे धमकी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–(रियाज़ अशरफी)  ग्राम उरतुम स्थित खारंग नदी में लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन बेधड़क चल रहा है। रेत तस्कर रात के अंधेरे में ट्रेक्टर, हाइवा, जेसीबी और मजदूरों के माध्यम से नदी की रेत का अवैध तरीके से धड़ल्ले से उत्खनन कर रहे हैं। रेत के अवैध कारोबार में माफिोयं को भारी भरकम मुलाफा हो रहा है। दूसरी तरफ शासन को लाखो रुपये राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र गौराहा रेत के अवैध कारोबार के खिलाफ पिछले 5 वर्षों से जंग लड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें आज तक सफलता का इंतजार है। गौरहा खनिज और राजस्व विभाग कार्यालय का इतनी बार चक्कर लगा चुके हैं कि उन्हें अब इसी संख्या भी याद नहीं है।  कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियों के हौसले बुलन्द है। शुक्रवार को एक बार फिर भूपेन्द्र गौरहा ने कलेक्टर और जिला खनिज अधिकारी से मुलाकात खारंग के साथ ही दर्जनों गांव को बिलासपुर से जोड़ने वाली पुल की रेत माफियों से बचाने की मिनन्तें की है। 
 
पिलर हो रहा है कमजोर..पुल के अस्तित्व को खतरा
 
रेत माफिया की कारस्तानी से दुखी भूपेन्द्र गौरहा ने बताया कि उरतुम स्थित जिस स्थान से रेत का अधाधंध उत्खनन किया जा रहा है। वहीं पर सीपत, मटियारी,मोहरा से उरतुम को जोड़ने वाला 18 साल पुराना एक पुल भी है। पुल को साल 2003 में जनता के लिए खोला गया। आज रेत माफिया चन्द रूपयों की प्यास में अपने ही जड़ पर कुल्हाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह जानते हुए भी कि रेत का अवैध उत्खनन पुल के पिलर के पास किया जा रहा है। और ऐसा करने से पिलर की बुनियाद कमजोर हो रहा है। और कभी भी पुल को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। सभव है माल के साथ जान का भी खतार से इंकार नहीं किया जा सकता है।
 
तस्कर महिला मजदूर लेकर आते है..विरोध करने पर धमकाते भी है
 
      भूपेन्द्र गौरहा समेत ग्रामीणों ने बताया कि बड़े रेत माफिया दिन से लेकर रात भर जेसीबी के माध्यम से खारून नदी का सीना चीरते हैं। और हाइवा  के माध्यम से रेत की कालाबाजारी करते हैं। ट्रेक्टर से रेत की चोरी करने वाले तस्कर पुरुषों के स्थान पर महिलाओं के माध्यम से रेत की चोरी को अंजाम देते हैं। अवैध उत्खनन का विरोध करने वालों महिलाएं ना केवल मारने को दौड़ाती है। बल्कि ऊलजुलुल हरकत कर पुलिस थाना में शिकायत करने की धमकी देती हैं।
 
          रेत माफियों के खिलाफ जंग छेड़ने वाले समाजसेवी भूपेंद्र गौराहा ने बताया कि ना केवल उन्हें बल्कि गांव के संभ्रांत लोगों ने रेत उत्खनन का जब जब विरोध किया। उन्हें अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। और रेत माफिया इसका फायदा उठाकर धड़ल्ले से ना केवल अपने मंसूबों को अंजाम दे रहै हैं। बल्कि पुल को गिराने की भरपूर कोशिश करने से बाज नहीं आ रहे हैं।और लोग चाहकर भी अवैध रेत उत्खनन का मुखर विरोध करने से कतरा रहे है।

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